अन्तर्राष्ट्रीय
ईरान परमाणु समझौते की प्रतिबद्धताओं का पालन कर रहा : आईएईए
वियना, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने एक बार फिर इस बात की पुष्टि की है कि ईरान परमाणु समझौते की प्रतिबद्धताओं का पालन कर रहा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, आईएईए के निदेशक जनरल युकिया अमानो ने शुक्रवार को कहा कि ईरान परमाणु समझौते के तहत लिए गए संकल्प व प्रतिबद्धताओं के पालन के लिए एजेंसी के साथ सहयोग कर रहा है।
अमानो ने कहा, ईरान आईएईए के साथ अपने व्यापक सुरक्षा करार के अतिरिक्त प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है।
साल 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौत के तहत आईएईए को इस बात की पुष्टि करने के लिए कहा गया है कि क्या ईरान समझौते की प्रतिबद्धताओं का पालन कर रहा है।
उन्होंने कहा, जैसा कि मैंने बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को बताया है कि ईरान संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के तहत परमाणु कार्यक्रम से संबंधित प्रतिबद्धताओं का पालन कर रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के शासन को ‘कट्टरपंथी’ बताते हुए उसकी निंदा की है और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु समझौते को प्रमाणित करने से इनकार कर दिया है।
उन्होंने ईरान पर आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाया और कहा कि वह ईरान को परमाणु हथियार के रास्ते पर नहीं चलने देंगे।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि ट्रंप ईरान के अंतर्राष्ट्रीय परमाणु समझौते को प्रमाणित नहीं करने का ‘एकतरफा’ फैसला नहीं ले सकते।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, ईरान पर ट्रंप की आक्रामक टिप्पणी के जवाब में रूहानी ने सरकारी टेीलविजन पर प्रसारित अपने बयान में कहा, ईरान का परमाणु समझौता बहुपक्षीय समझौता है और किसी एक देश के राष्ट्रपति द्वारा इसे हटाया नहीं जा सकता।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।
चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।
उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”
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