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नेशनल

रोड एक्सीडेंट में बाल-बाल बचे संघ प्रमुख मोहन भागवत

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मथुरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत शुक्रवार को एक रोड एक्सीडेंट में बाल-बाल बच गए। उनके काफिले की एक कार का टायर फट जाने के कारण गाड़ी अनियंत्रित दूसरी कार से टकरा गई, हालांकि इस दुर्घटना में मोहन भागवत को कोई हानि नहीं पहुंची और वो पूरी तरह सुरक्षित हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि मथुरा के सुरीर इलाके के पास संघ प्रमुख भागवत के काफिले में शामिल एक कार का टायर फटने से हादसा हो गया। इस घटना के चलते अन्य कारें आपस में टकरा गईं।

संघ प्रमुख बिल्कुल सुरक्षित हैं। हादसे में उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा। दुर्घटना के बाद वहां मौजूद लोग उनकी मदद को आए और भागवत अन्य कार में सवार होकर आगे निकल गए। मथुरा में उन्हें एक कार्यक्रम में शामिल होना है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस घटनास्थल के लिए रवाना हो गई।

भागवत मानसी ध्यान केंद्र का उद्घाटन करने के लिए दिल्ली से वृंदावन आ रहे थे। इस कार्यक्रम में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी शामिल होना है। संघ प्रमुख भागवत इससे पहले सितम्बर में वृन्दावन आए थे। तब यहां संघ ने समन्वय बैठक का आयोजन किया था। यह 1 सितंबर से 3 सितंबर तक हुई थी।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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