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पीड़ित साध्वियों की गुहार, बलात्कारी राम रहीम को मिले आजीवन कारावास

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चंडीगढ़| राम रहीम दुष्कर्म मामले में दोनों दुष्कर्म पीड़िताओं ने स्वयंभू बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह को आजीवन कारावास की सजा दिलवाने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 अगस्त को दोनों साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में राम रहीम को 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय में यहां दाखिल याचिका के अनुसार, वर्ष 1999 में राम रहीम द्वारा दुष्कर्म का शिकार हुई दोनों साध्वियों ने कहा कि इस जघन्य अपराध के लिए 10 वर्ष की सजा काफी नहीं है।

अदालत ने कहा था कि दोनों मामलों में 10 वर्ष की सजा की अवधि क्रमागत (एक के बाद एक) रूप से पूरी की जाएगी।

पंचकुला में सीबीआई की विशेष अदालत ने दो साध्वियों से दुष्कर्म के आरोप में राम रहीम को 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी और 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

पीड़िताओं ने अपनी याचिकाओं में कहा कि दुष्कर्म मामलों में जब कोई व्यक्ति अपने ताकत का गलत इस्तेमाल कर दुष्कर्म करता है तो उसे अधिकतम सजा दी जानी चाहिए, जो कि आजीवन कारावास है। कम सजा से पूरा न्याय पाने के अंतिम लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता।

याचिका के अनुसार, गुरमीत डेरा सच्चा सौदा नामक धार्मिक संस्था का प्रमुख है, उसने विश्वासघात किया है और उसे पिताजी कहा जाता है। एक धार्मिक संस्था के प्रमुख के पद का दुरुपयोग करते हुए उसने दुष्कर्म को अंजाम दिया। जबकि उसके अनुयायी उसपर पूरा विश्वास करते हैं।

दिल्ली में वर्ष 2012 में निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के बाद बने नए प्रावधान के अनुसार, जो व्यक्ति अपनी ताकत का इस्तेमाल कर और विश्वासघात कर दुष्कर्म करता है, उसे आजीवन कारावास की सजा देने का प्रावधान है।

राम रहीम को इस मामले में सजा सुनाए जाने के बाद पैदा हुई हिंसा में 38 लोग मारे गए थे और 264 अन्य घायल हो गए थे।

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बाहुबली मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत

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लखनऊ। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के मुताबिक जेल से लाते वक्त मुख्तार बेहोश था। मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई थी। 9 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी के लिए तैनात किया गया था। इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसिपल ने चुप्पी साधी हुई है। उधर मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू हो गई है। इसके साथ ही यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट पर रहने पर कहा गया है।

प्रयागराज में मुख्तार और उनके परिवार का इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस देखने वाले वकील अजय श्रीवास्तव प्रयागराज से बांदा के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि जेल या प्रशासन की तरफ से अभी तक मुख्तार अंसारी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई है। हालांकि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी भी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।

बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार  को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

 

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