नेशनल
अब कश्मीर घाटी में चोटी कटवा की दहशत, जानकारी देने पर मिलेगा इतना इनाम
श्रीनगर| कश्मीर घाटी में चोटी काटने की रहस्यमयी घटनाओं के प्रति लोगों में बढ़ते गुस्से के मद्देनजर पुलिस ने रविवार को घोषणा की कि इन घटनाओं में शामिल अपराधियों को पकड़ने में सहायता करने वाले को छह लाख रुपये इनाम दिया जाएगा। इससे पहले पुलिस ने तीन लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी।
पुलिस के एक बयान के मुताबिक, “चोटी काटने की घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति के बारे में सूचना देने या उसे पकड़वाने में सहायता करने की राशि दोगुनी कर छह लाख रुपये कर दी गई है। सूचना देने वाले शख्स या लोगों का नाम और अन्य विवरण गोपनीय रखा जाएगा।” चोटी काटने की घटना दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले से शुरू हुई थी और जल्द ही यह घाटी के मध्य व उत्तरी जिलों में फैल गई।
इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पिछले हफ्ते पुलिस ने तीन लोगों को संदेह के आधार पर पकड़ा था, लेकिन कोई सबूत नहीं मिलने पर बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि इस घटना के पीछे कुछ सुरक्षाकर्मियों का भी हाथ हो सकता है। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के आदेश के बाद पुलिस ने इस रहस्य की जांच के लिए हर जिले में विशेष जांच टीमें गठित की हैं।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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