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नेशनल

हार्ले डेविडसन दौड़ाकर रावण पहुंचा इंडिया गेट, पुलिस ने काटा चालान

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नई दिल्ली। दशहरा पर हार्ले डेविडसन बाइक दौड़ाकर टशन दिखाना रावण को महंगा पड़ गया। रावण दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया और उसका चालान बना दिया गया। चालान की वजह भी बहुत गंभीर थी क्योंकि रावण ने हेलमेट नहीं पहना था।

दरअसल यह रावण फेमस एक्टर मुकेश ऋषि थे और वह राष्ट्रीय राजधानी में लालकिले पर आयोजित मशहूर रामलीला में रावण का किरदार निभा रहे थे। गुरुवार को उन्हें कुछ टीवी चैनलों में इटरव्यू देना था, जिसके लिए होटल से रावण के कॉस्ट्यूम में निकले। उन्होंने इंडिया गेट के आसपास रावण की वेशभूषा में हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल चलाई। किसी ने उनका वीडियो बनाकर शुक्रवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया।

इस वीडियो में एक्टर मुकेश ऋषि बिना हेलमेट पहने बाइक चलाते दिख रहे हैं। इसकी वजह भी यह थी कि उन्होंने रावण की कास्ट्यूम के लिए मुकुट पहन रखा था। जिसके बाद दिल्ली यातायात पुलिस तुरन्त एक्शन लेते हुए उन्हें नोटिस जारी कर दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बाद में अभिनेता मुकेश ऋषि दिल्ली यातायात पुलिस मुख्यालय पहुंचे और जुर्माना भरा।

बता दें कि मुकेश लंबे टाइम से बॉलीवुड के अलावा तेलुगु, ओडिया, मलयालम, पंजाबी, तमिल और भोजपुरी सिनेमा में एक्टिव हैं। उन्हें 1988 में टॉलीवुड में पहला ब्रेक मिला था।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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