प्रादेशिक
छात्रा ने क्लास में लगाई फांसी , वजह है हैरान करने वाली
रायपुर/जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में एक स्कूली छात्रा ने कक्षा में ही फांसी लगाकर जान दे दी। घटना महारानी लक्ष्मीबाई कन्या शाला की बताई जा रही है। छात्रा के स्कूल में तिमाही परीक्षा चल रही थी। जगदलपुर एसपी आरिफ शेख ने कहा कि स्कूल में ऐसी घटना हुई है, लेकिन आत्महत्या का कारण क्या है इसकी जांच की जा रही है।
एसपी ने कहा कि पथरागुड़ा निवासी 15 वर्षीय छात्रा नकल करते पकड़े जाने के बाद से काफी परेशान थी। ऐसा माना जा रहा है कि उसकी इस हरकत की जानकारी घर पर लग जाने के बाद वह और भी परेशान हो गई और उसने फांसी लगाने जैसा कदम उठा लिया। छात्रा की बड़ी बहन भी इसी स्कूल में 12वीं में पढ़ाई कर रही है।
मृतिका की कक्षा शिक्षिका लक्ष्मी मिश्रा और प्राचार्य ज्योति श्रीवास्तव का कहना है कि वह पढ़ने में होशियार थी और सामान्य छात्रा नहीं थी। ऐसे में वह विज्ञान के पर्चे में गाइड लेकर क्यों पहुंची, यह समझ से परे है। इधर छात्रा की आत्महत्या के बाद स्कूल की प्राचार्या ज्योति श्रीवास्तव ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है।
इधर मामले पर चर्चा करते हुए कलेक्टर धनंजय देवांगन ने कहा कि पूरी घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। स्कूलों में बच्चों पर निगरानी रखने के लिए नए सिरे से निर्देश निकाले जाएंगे। वहीं एसपी शेख ने कहा कि प्रशासन और पुलिस दोनों मिलकर मामले की जांच कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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