Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

राम रहीम के बाद एक और बाबा निकला शैतान, रेप का केस दर्ज

Published

on

Loading

जयपुर। राजस्थान के प्रसिद्ध संत कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य फलाहारी महाराज पर एक 21 साल की युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। फलाहारी महाराज पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाले युवती छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की रहने वाली है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा ने बताया कि बिलासपुर की एक युवती ने राजस्थान के अलवर स्थित फलाहारी बाबा द्वारा दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। युवती जयपुर में पढ़ती है। लडक़ी का परिवार पिछले 15 साल से बाबा के संपर्क में था और काफी धन उन्हें दान कर चुका है।

बाबा की सिफारिश पर युवती ने इंटर्नशिप की और इसके लिए उसे स्कॉलरशिप भी मिली। इससे खुश होकर वह अगस्त माह में अपना पहला वेतन बाबा के अलवर आश्रम में दान करने गई थी। तभी बाबा ने उसे अकेले में बुलाया और दुष्कर्म किया। युवती को इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताने की धमकी दी गई। डरी-सहमी युवती चुपचाप लौट गई।

पीडि़ता का परिवार, पहले तो इस मामले में किसी भी कार्रवाई का इच्छुक नहीं था लेकिन गुरमीत राम रहीम को सजा मिलने के बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया और बिलासपुर के महिला थाने में मामले की एफआईआर दर्ज करा दी।

बाबा हुआ बीमार
इसके बाद बुधवार को जांच अधिकारी अलवर पहुंच गए। पुलिस के पहुंचने की सूचना पाकर ‘स्वयंभू बाबा’ अस्पताल में भर्ती हो गया है। अब यह मामला अलवर के अरावली विहार पुलिस स्टेशन में है। उधर, बाबा के एक प्रशंसक सुदर्शनाचार्य महाराज ने कहा, ‘मैं ऐसे किसी मामले के बारे में नहीं जानता। महाराज जी बीमार हैं और वह अभी किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं।’

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending