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बिजनेस

आने वाली तिमाहियों में गिरावट ‘नियंत्रण’ में होगी : एसबीआई

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कोलकाता, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने उम्मीद जताई है कि आनेवाली तिमाहियों में गिरावट ‘नियंत्रण’ में होगी। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

एसबीआई के प्रबंध निदेशक (नेशनल बैकिग ग्रुप) रजनीश कुमार ने कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) द्वारा आयोजित ‘बैंकिंग कोलोक्वियम’ से इतर कहा, हाल की गिरावटें कम होना शुरू हो गई है और हम उम्मीद करते हैं कि इस पर नियंत्रण पा लिया जाएगा।

उन्होंने ध्यान दिलाया कि बड़े और मध्यम कार्पोरेट खंड में उधार देने की लागत खुदरा पोर्टफोलियों से अधिक है।

उन्होंने कहा, ‘खुदरा पोर्टफोलियो में उधार देने की लागत अधिक नहीं है। लेकिन बड़े कार्पोरेट और मध्यम कार्पोरेट खंड में यह उच्च है, क्योंकि वहां फंसे हुए कर्जे (एनपीए) का स्तर भी अधिक है। इसलिए बैंकों को तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के लिए प्रावधान बनाना चाहिए।

रजनीश कुमार ने कहा कि ऋण देने की लागत 2.4 फीसदी के प्रावधान लागत के साथ अधिक है, जिसे कम करने की जरूरत है।

उच्च प्रावधान के लिए आय में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि एसबीआई में सहयोगी बैंकों के विलय के बाद सकल एनपीए बढ़ गया है।

उन्होंने कहा कि बैंक को चालू वित्त वर्ष में ऋण उठाव की वृद्धि दर 6-8 फीसदी रहने की उम्मीद है।

कुमार ने कहा कि एसबीआई कर्ज नहीं चुकाने वाली कार्पोरेट कंपनियों के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल प्रक्रिया शुरू करने के अलावा कई और कदम उठाने पर विचार कर रही है, ताकि फंसे हुए कर्ज की समस्या का समाधान निकले।

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बिजनेस

मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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