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नेशनल

राम रहीम को आज सुनाई जाएगी सजा, उपद्रवियों को शूट करने का आदेश

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चंडीगढ़। रेप मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को सोमवार को रोहतक के पास सुनारिया जेल में विशेष अदालत द्वारा सजा सुनाई जाएगी। सजा का ऐलान दोपहर 2.30 बजे होगा। जेल के आसपास किसी भी संदिग्ध को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं.

रोहतक के पास सुनारिया की जेल में बनाई गई विशेष अदालत सजा का ऐलान करेगी। इसी जेल में डेरा प्रमुख को रखा गया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने शुक्रवार को डेरा प्रमुख को दुष्कर्म का दोषी ठहराया था।

डेरा प्रमुख को न्यूनतम सात साल से आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। अर्धसैनिकबलों और हरियाणा पुलिस सहित सुरक्षाबलों ने जिला जेल परिसर को चारों ओर से घेर लिया है। सेना को भी अलर्ट पर रखा गया है।

हरियाणा के एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) मो. अकील ने बताया कि रोहतक में अर्धसैनिक बलों की 23 कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके साथ ही रोहतक, सिरसा, अंबाला, पंचकूला सहित कई जिलों में धारा 144 लागू रहेगी।

जेल परिसर के 10 किलोमीटर तक के दायरे में किसी को भी आने-जाने की इजाजत नहीं है। हरियाणा पुलिस के महानिदेशक (डीसीपी) बी.एस.संधू ने कहा, “हम किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सेना को भी मुस्तैद किया गया है।”

हरियाणा और पंजाब में सोमवार को सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। हरियाणा के सिरसा में कफ्र्यू लगा है, जो आज भी रहेगा।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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