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नेशनल

रेपिस्ट बाबा राम रहीम को जेल में मिल रहीं हैं VVIP सुविधाएं

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नई दिल्ली। साध्वी से रेप मामले में दोषी करार दिए गए डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को रोहतक जिले के सुनरिया स्थित एक जेल में रखा गया है, जहां उन्हें वीवीआईपी सुविधाएं दी जा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरमीत राम रहीम सिंह ने जेल का पानी पीने से मना कर दिया है जिसके बाद उनके लिए मिनरल वाटर का इंतजाम किया गया। इतना ही नहीं जेल में उन्हें एक असिस्टेंट भी मुहैया कराया गया है जो उनकी जरूरतों का ध्यान रखेगा। इसके अलावा जेल में उन्हें अपने कपड़े पहनने की छूट दी गई है जबकि अन्य कैदी जेल से मिले हुए कपड़े ही पहन सकते हैं। उनके लिए अलग से एसी की व्यवस्था भी किए जाने की बात सामने आ रही।

रोहतक के उपायुक्त अतुल कुमार ने बताया, ‘गुरमीत राम रहीम को (रोहतक के) सुनरिया में एक जेल में रखा गया है। जेल के आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। सीबीआई के वकील एच पी एस वर्मा के मुताबिक पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत के जज जगदीप सिंह ने गुरमीत को दोषी करार देने के बाद कहा कि दी जाने वाली सजा की अवधि 28 अगस्त को तय की जाएगी।

बता दें कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दुष्कर्म मामले में पंचकुला की सीबीआई अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद उनके नाराज भक्तों ने हंगामा शुरू कर दिया। पंजाब व हरियाणा के कई हिस्सों में हिंसा फैल गई। समर्थकों को काबू में करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में 30 लोगों की मौत हो गई। इसमें 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। पंजाब के मनसा, बठिंडा, पटियाला, फजिल्का व फिरोजपुर शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इन जगहों पर डेरा सच्चा सौदा के समर्थक अधीरता से सीबीआई के फैसले का इंतजार कर रहे थे। फैसला आते ही यह हिंसा पर उतारू हो गए।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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