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अन्तर्राष्ट्रीय

1971 की तरह दो टुकड़े हो जाएगा पाकिस्तान

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लाहौर। अगर जनादेश का सम्मान नहीं किया गया तो 1971 की तरह पाकिस्तान को फिर विभाजन का सामना करना पड़ सकता है। ये कहना है पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का। लाहौर हाईकोर्ट द्वारा शरीफ और उनके पार्टी सदस्यों के न्यायपालिका-विरोधी टिप्पणियों के प्रसारण पर रोक लगाए जाने के एक दिन बाद शरीफ की यह टिप्पणी सामने आई।

NEPAL-SUMMIT/

वकीलों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए नवाज शरीफ ने पनामा पेपर्स मामले में उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जांच में देश की खुफिया एजेंसियों के हिस्सा बनने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘देश के इतिहास में पहली बार खुफिया एजेंसियों (आईएसआई और मिलेट्री इंटेलीजेंस) को ऐसे मामले की जांच के लिए संयुक्त जांच दल में शामिल किया, जिसका नाता आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से नहीं है।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने खुद को अयोग्य घोषित किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि जनादेश का सम्मान नहीं किया गया तो देश को 1971 की तरह विभाजन का सामना करना पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि देश के 70 वर्ष के इतिहास में सभी 18 प्रधानमंत्रियों को कार्यकाल पूरा किए बिना ही घर भेज दिया गया। शरीफ के मुताबिक वो पाकिस्तान में लोकतंत्र की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं और तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक वे लोगों के सहयोग से अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेते।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।

चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।

उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”

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