Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

‘बाहुबली’ के अवतार में तेजस्वी, कर रहे ‘भल्लाल देव’ की तलाश

Published

on

Loading

पटना। पटना में राजनीतिक घमासान अब बॉलीवुड मूवी ‘बाहुबली’ के रंग में रंगता नजर आ रहा है। नीतीश द्वारा राजद का हाथ झटककर भाजपा संग गठबंधन कर लेने से लालू के सुपुत्र और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव लगातार नीतीश पर हमला कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब एक पोस्टर सामने आया है जिसमें तेजस्वी यादव बाहुबली के अवतार में नजर आ रहे हैं।

दरअसल 27 अगस्त को लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में विपक्ष की रैली हो रही है। इससे पहले पटना में पोस्टर लगने शुरू हो गए हैं। पोस्टर में तेजस्वी यादव को बाहुबली के रूप में दिखाया गया है। साथ ही पोस्टर में ‘जिया हो लालू के लाल’ लिखा है। सोशल मीडिया पर भी कुछ लोगों ने इसे शेयर किया है।

वैसे भी तेजस्वी यादव अपनी प्रस्तावित रैली की सफलता के लिए इन दिनों अपने बड़े भाई व बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के साथ “जनादेश अपमान यात्रा” पर निकले हुए है। रैली के लिए उन्होंने दिन-रात एक कर रखा है क्योंकि उनके पिता व बिहारी राजनीति के सूरमा लालू प्रसाद यादव कोर्ट कचहरी के चक्कर में व्यस्त हैं।

तेजस्वी के “जनादेश अपमान यात्रा” पर निकलने के साथ ही सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों पर कमेंट्स की बाढ़ सी आ गई। किसी ने बिहार के राजनीतिक परिपेक्ष्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तुलना बाहुबली फिल्म के भल्लालदेव और तेजस्वी यादव को बाहुबली बताते हुए जनादेश अपमान यात्रा के संदर्भ में लिखा है कि नहीं है अब देर ,निकल गया है शेर।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending