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प्रादेशिक

गर्लफ्रेन्‍ड ने प्रेमी के सामने शादी की रखी ऐसी शर्त कि दहल जाए दिल

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राजधानी, इंसानियत, शर्मसार, हत्या, सुपारी

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवक ने अपनी प्रेमिका से शादी करने के लिए अपने मासूम बच्चों की ही हत्या की सुपारी दे डाली।

तीन बच्चों में से उसने एक बच्चे की हत्या भी करवा दी। इससे पहले कि वो अपने दो और बच्चों की हत्या करवा पाता पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस के मुताबिक़, राजधानी के अमन विहार में रहने वाले धर्मवीर की पत्नी की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। इस बीच उसका किसी अन्य महिला से अफेयर हो गया।

धर्मवीर महिला से शादी करना चाहता था, लेकिन इसके लिए उसने धर्मवीर के सामने खौफनाक शर्त रख दी। महिला ने कहा कि वो उससे तभी शादी करेगी, जब वो अपने तीनों बच्चों को रास्ते से हटा देगा क्योंकि शादी के बाद वह उसके बच्चों को नहीं पाल सकती।

महिला के प्यार में पागल धर्मवीर ने इसके बाद अपने तीनों बच्चों की हत्या की साजिश रच डाली। उसने अपने भतीजे संजय को 30 हजार रुपये देकर अपने बच्चों को एक-एक कर मारने की सुपारी दे दी। संजय ने धर्मवीर की बेटी तनीषा की हत्या
कर दी।

दोनों शव को ठिकाने लगाने की फिराक में थे, लेकिन इस बीच एक पड़ोसी को उन पर शक हो गया। उसने तुरंत इस बात की जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने तनीशा के शव को कब्जे में लेकर धर्मवीर और संजय को गिरफ्तार
कर लिया।

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उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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