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प्रादेशिक

गोवा में स्वाइन फ्लू से पहली मौत

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पणजी | गोवा में स्वाइन फ्लू से मौत का पहला मामला सामने आया है। राज्य के एक शीर्ष चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक 45 वर्षीय एक मरीज की सोमवार को दक्षिण गोवा के एक अस्पताल में स्वाइन फ्लू की वजह से मौत हो गई। नोडल महामारी विशेषज्ञ उत्कर्ष बेतोड़कर ने कहा कि कुछ सप्ताह पहले ही मरीज हांगकांग से गोवा आया था और उसकी हालत गंभीर थी।

बेतोड़कर के मुताबिक, जब वह गोवा आया तो उसकी हालत गंभीर थी। स्वाइन फ्लू के लक्षणों वाले चार अन्य लोगों का इलाज कर घर भेज दिया गया है। महामारी विशेषज्ञ के मुताबिक मृतक के संपर्क में आए सभी व्यक्तियों को निर्देश और जरूरी दवाइयां दी जा चुकी हैं। इसमें मृतक के संबंधी और इलाज कर रहे डॉक्टर भी शामिल हैं। बेतोड़कर के अनुसार, “स्वास्थ्य सेवाओं के राज्य निदेशालय के पास स्वाइन फ्लू के उपचार के लिए आवश्यक सभी दवाएं पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं। इसलिए स्वाइन फ्लू से घबराने की कोई जरूरत नहीं है।”

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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