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नेशनल

चंडीगढ़ में महिलाओं ने विरोध मार्च निकाला

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चंडीगढ़, 12 अगस्त (आईएएनएस)| हरियाणा के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे द्वारा वर्णिका कुंडू के साथ की गई छेड़छाड़ के विरोध में और यह संदेश देने के लिए कि ‘महिलाएं किसी भी समय कहीं भी आने जाने के लिए आजाद हैं’, चंडीगढ़ में सैकड़ों महिलाओं ने देर रात मार्च किया। मार्च शुक्रवार रात 11 बजे सेक्टर 16 में स्थित चंडीगढ़ रोज गार्डन से शुरू हुआ और ‘गेरी रूट’ के नाम से मशहूर सेक्टर 10 और 11 के रास्ते निकला गया।

मार्च में शामिल युवतियों और उम्रदराज महिलाओं ने ‘बेखौफ आजादी मार्च’ निकालते हुए कहा कि वे ‘यहां के पीछा करने वाले और सांभ्रांत गुंडों’ के खिलाफ सड़कों पर अपना हक जताने के लिए निकली हैं।

मार्च में शामिल कार्यकर्ता एमी सिंह ने कहा, हमने सभी को यह संदेश देने के लिए सड़कों पर उतरे हैं कि महिलाएं किसी भी समय कहीं भी आने जाने के लिए आजाद हैं और वे पुरुषों का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेंगी।

यह विरोध प्रदर्शन विकास बराला और उसके दोस्त आशीष कुमार द्वारा हरियाणा कैडर के शीर्ष आईएएस अधिकारी वी.एस. कुंडु की बेटी का पीछा और छेड़छाड़ करने के एक सप्ताह बाद आयोजित किया गया।

दोनों आरोपियों को पांच अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन जल्द ही वे जमानत पर छूट गए।

हालांकि मीडिया के दबाव के चलते पुलिस ने बाद में उन्हें भारतीय दंड संहिता की गैर जमानती धाराओं 365 और 511 (अपहरण के प्रयास) के तहत फिर से गिरफ्तार कर लिया।

आरोपियों को शुक्रवार को दो दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। उन्हें शनिवार को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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