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चंद्रग्रहण ने बहनों को राखी बांधने को दिया 3:30 घंटे से भी कम समय

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रक्षाबंधन भाई-बहनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनके दीर्घायु की कामना करती हैं।

इसके बदले भाई उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। यह त्यौहार हमारे यहाँ श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। लेकिन इस बार चंद्रग्रहण पड़ने के कारण बहनों को राखी बांधने के लिए साढ़े तीन घंटे से भी कम का समय मिल पा रहा है।

सोमवार सुबह भद्रा के चलते बहनें साढ़े 10 बजे से पहले राखी नहीं बांध सकेंगी। तो चंद्रग्रहण का सूतक लगने से दोपहर 1:52 बजे के बाद राखी नहीं बांध सकती।

आचार्य प्रदीप के अनुसार 7 अगस्त उद्या में पूर्णिमा तिथि रहेगी। भद्रा रविवार रात 10 बजे के बाद लगेगी, जो सोमवार 10:30 बजे तक रहेगी। भद्रा खत्म होने के बाद ही राखी बाँधी जा सकेगी।

रात 10:52 बजे चंद्रग्रहण शुरू हो जाएगा। इसका सूतक दोपहर 1:52 बजे के बाद शुरू हो जाएगा। सूतक काल में रक्षाबंधन नहीं मनाया जा सकता।

इस प्रकार भद्रा ख़त्म होने के बाद और सूतक शुरू होने से पहले तीन घंटे 22 मिनट के दौरान ही राखी बाधी जा सकती है।

आचार्य जी के अनुसार सूतक के दौरान राखी बांधने से, बांधने वाले और बंधवाने वाले दोनों को सूतक दोष लग जाता है।जो शुभ नहीं माना जाता है।

चंद्रग्रहण का राशियों पर प्रभाव

मेष: सुख में वृद्धि, धन, प्रतिष्ठा और चतुर्दिक लाभ होगा

वृष: मान-सम्मान को लेकर सचेत रहे। विवाद से बचे

मिथुन: आवेग-गुस्से में आकर कोई निर्णय न ले, कष्ट कारक

सिंह: धन,मान,सम्मान और सुख में वृद्धि होगी। पदोन्नति

कन्या: व्यर्थ चिंता से बचे, सकारात्मक सोच रखे।

तुला: धन में वृद्धि, वाहनलाभ, घर में शुभ कार्य का लाभ

वृश्चिक: स्थिर लक्ष्मी प्राप्ति का योग, रुका काम होगा

धनु: स्वास्थ्य के साथ सावधानी बरते, वाद–विवाद से बचे।

मकर: दुश्मनों से सावधान रहे। तेज गति से गाड़ी न चलाए

कुंभ: नए रोजगार शुरू करने से बचे। हानि हो सकती है।

मीन: लेखन कार्य में सम्मान, भूमि–भवन से लाभ होगा।

Tag- रक्षाबंधन, चंद्रग्रहण, भद्रा, पूर्णिमा, राखी, भाई-बहन, सूतक

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सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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