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बिजनेस

सभी केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा न्यूनतम वेतन   

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नई दिल्ली। मंत्रिमंडल ने आज वेतन नियमों को मंजूरी दे दी है, जिससे अब सभी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन अधिकार बन जाएगा। इन नियमों से सभी उद्योगों और कामगारों के लिए एक जैसा न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही वेतन नियमों को वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाला अंतर-मंत्रालय समूह पहले ही मंजूरी दे चुका है।

वेतन विधेयक के ये नियम केंद्र को सभी क्षेत्रों के लिए न्यूनतम वेतन तय करने का अधिकार देते हैं, जिनका सभी राज्यों को पालन करना होगा। हालांकि राज्य केंद्र द्वारा तय वेतन से अधिक न्यूनतम वेतन भी मुहैया कराने के लिए स्वतंत्र हैं क्योंकि श्रम समवर्ती सूची का विषय है।

साथ ही इन नियमों को संसद की मंजूरी के बाद 18,000 रुपये से अधिक वेतन प्राप्त करने वाले कामगार भी न्यूनतम वेतन के हकदार होंगे। इन नियमों में वेतन कानून के दायरे में वे कर्मचारी नहीं आते हैं, जिन्हें हर महीने 18,000 रुपये से ज्यादा वेतन मिलता है। इसके अलावा न्यूनतम वेतन सभी वर्ग के कर्मचारियों पर लागू होगा, जो इस समय कानून में केवल अनुसूचित उद्योगों और प्रतिष्ठानों पर ही लागू होता है।

श्रम मंत्रालय ने इन वेतन नियमों के तहत चार संबंधित कानूनों के एकीकरण के जरिये वेतन की परिभाषा को सरल बनाने की योजना बनाई है। ये कानून न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948, वेतन का भुगतान अधिनियम 1936, बोनस का भुगतान अधिनियम 1965 और समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976 हैं।

बता दें कि इस समय एक क्षेत्र में चुकाए जाने वाला वेतन दूसरे क्षेत्र से 10 से 30 फीसदी तक कम या ज्यादा हो सकता है। इस समय किसी कार्मिक का वेतन किराये, खाने-पीने और परिवहन की लागत के अलावा उस क्षेत्र के विकास, आर्थिक समृद्धता और जीवन स्तर से तय होता है।

 

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मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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