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नेशनल

जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय में पहुंचेगा आर्मी टैंक

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नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार को ‘कारगिल विजय दिवस’ मनाया गया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में जेएनयू के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार ने सरकार से यूनिवर्सिटी कैंपस में एक आर्मी टैंक खड़ा करने की मांग की।

बता दें साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों की शहादत की याद में ‘कारगिल विजय दिवस’ मनाया जाता है। इसी को लेकर रविवार को यूनिवर्सिटी ने पहली बार करगिल विजय दिवस मनाया और जेएनयू गेट से कन्वेंशन सेंटर तक शहीदों की शान में 2200 फीट के झंडे के साथ तिरंगा मार्च निकाला गया। करगिल विजय दिवस के जश्न के मौके पर मंत्री वीके सिंह और धर्मेंद्र प्रधान भी कैंपस पहुंचे।

इस कार्यक्रम में वीसी जगदीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री वीके सिंह से अनुरोध किया कि वो यूनिवर्सिटी में “खास जगहों” पर टैंक लगवाने में उनकी “मदद” करें ताकि छात्रों को “हरदम” सेना के बलिदान की याद बनी रही।

इस मौके पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वह जेएनयू में बदलाव को देखकर हैरान हैं। यहां अब ‘भारत माता की जय’ जैसे नारे गूंजने लगे हैं। कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट की वकील मोनिका डोगरा, मेजर जनरल (रिटायर्ड) जी डी बख्शी और लेखक राजीव मल्होत्रा ने भाग लिया।

बता दें कि जेएनयू इस साल फरवरी में सुर्खियों में रहा था, जब यहां के कुछ छात्रों पर देश के विरोध में नारेबाजी करने का आरोप लगा था। उन्हें राजद्रोह के केस में गिरफ्तार भी किया गया था।

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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