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नेशनल

भाजयुमो कार्यकर्ताओ ने नरेश अग्रवाल की नेमप्लेट पर उतारा गुस्‍सा

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नई दिल्‍ली। राज्यसभा में बुधवार को समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल के संसद में भगवान राम और विष्‍णु पर दिए गए विवादित बयान पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता नाराज हो गए हैं। इन कार्यकर्ताओं ने गुरुवार सुबह उनके घर के बाहर लगे नेमप्लेट पर कालिख पोत दी।

बता दें कि बुधवार को राज्यसभा में बहस के दौरान सपा सांसद ने हिंदू देवी-देवताओं को लेकर बयान दिया था। इसका भाजपा नेताओं की ओर से कड़ा विरोध किया गया था। सत्ता पक्ष के आक्रामक रुख की वजह से सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी।

उपसभापति ने नरेश अग्रवाल की ओर से दिए बयान को संसद के रिकॉर्ड से भी बाहर कर दिया था। सपा सांसद को अपने बयान के लिए माफी मांगनी पड़ी। इसके बाद ही सदन की कार्यवाही चल सकी।

यह भी पढ़ें: लोकसभा में हंगामा, कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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