Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

राज्‍यसभा में सपा नेता ने भगवान विष्‍णु–राम पर दिया विवादित बयान

Published

on

राज्य।सभा, सपा, भगवान विष्णुष, राम, लिंचिंग, नरेश अग्रवाल

Loading

नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को लिंचिंग और किसानों के मुद्दे को लेकर काफी गर्मागर्मी रही। बहस के दौरान सपा नेता नरेश अग्रवाल ने भगवान विष्णु और भगवान राम पर बयान देकर बवाल खड़ा कर दिया। नरेश ने कहा कि कुछ लोग हिंदू धर्म के ठेकेदार बन गए हैं, भाजपा और वीएचपी जैसे लोग कहते थे कि जो हमारा सर्टिफिकेट नहीं लेकर आएगा, वो हिंदू नहीं हैं।

अग्रवाल के इस बयान पर राज्यसभा में जमकर बवाल हुआ। भाजपा ने नरेश अग्रवाल से माफी मांगने की अपील की है।संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि नरेश अग्रवाल का यह बयान हिंदू धर्म का अपमान है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए। हंगामे के बाद उनका बयान राज्यसभा की कार्रवाई से हटा दिया गया।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बहस की शुरुआत करते हुए जुनैद का मुद्दा उठाया। आजाद ने कहा कि मैं इस मुद्दे पर सरकार को ही निशाना नहीं बना रहा हूं।

उधर, सरकार की ओर से मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ये जो भी घटनाएं हो रही हैं, ये अपराध है। इसे सांप्रदायिक रंग नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने हर घटना के बाद कड़ी कार्रवाई की है।

यह भी पढ़े: दिल्ली में बदली छाई, हल्की बारिश की संभावना

यह भी पढ़े: 4 राज्‍यों में अगले 4 से 5 दिनों में तेज बारिश के आसार, बाढ़ की आशंका

 

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

Continue Reading

Trending