Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

करीब 100 फीसदी मतदान के साथ संपन्न हुआ राष्ट्रपति चुनाव

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)| राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मीरा कुमार के बीच मुख्य मुकाबले वाला देश के 14वें राष्ट्रपति का चुनाव सोमवार को करीब-करीब 100 फीसदी मतदान के साथ संपन्न हुआ।

लोकसभा के सचिव एवं निर्वाचन अधिकारी अनूप मिश्रा ने ‘संभवत: अब तक के सर्वाधिक मतदान’ वाला राष्ट्रपति चुनाव करार देते हुए बताया कि निर्वाचक मंडल के ’98-99′ फीसदी सदस्यों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

मिश्रा ने बताया कि संसद भवन में 717 सांसदों और पांच विधायकों के मतदान करने की संभावना थी, जिनमें से 714 सांसदों और चार विधायकों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

गुजरात से विधायक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में मतदान करने की इजाजत मांगी थी।

मतदान में हिस्सा न लेने वालों में तृणमूल कांग्रेस के सांसद तापस पाल, बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद रामचंद्र हंसदा और पीएमके के सांसद अंबुमणि रामदास शामिल रहे।

मिश्रा ने बताया कि लोकसभा और राज्यसभा के कुल 776 सदस्यों के पास मताधिकार था, जिनमें से 771 सदस्यों ने मतदान किया।

उन्होंने बताया कि लोकसभा और राज्यसभा में दो-दो पद रिक्त थे और भाजपा के सांसद छेदी पासवान को मताधिकार नहीं था।

मिश्रा ने बताया कि 54 सांसदों ने दिल्ली में मतदान की इजाजत मांगी थी।

उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, नगालैंड, उत्तराखंड और पुदुचेरी में 100 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा अन्य राज्यों में भी 100 फीसदी के करीब ही मतदान हुआ है।

मिश्रा ने कहा कि आंध्र प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, मणिपुर और त्रिपुरा से मत प्रतिशत के अंतिम आंकड़े अभी आने बाकी हैं।

सोमवार को संसद भवन और प्रत्येक राज्य की विधानसभाओं में स्थापित 32 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ। मतदान सुबह 10 बजे शुरू हुआ और शाम पांच बजे संपन्न हुआ।

राष्ट्रपति चुनाव में 776 सांसदों और 4,120 विधायकों को मत डालने का अधिकार था तथा निर्वाचक मंडल के कुल मतों की कीमत 10,98,903 है।

राज्य विधानसभाओं से मतपेटियां अब दिल्ली लाई जाएंगी, जहां 20 जुलाई को मतों की गणना होगी। 20 जुलाई को ही चुनाव परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।

मिश्रा ने बताया कि दिल्ली में पड़े मतों की गणना सबसे पहले होगी। आठ चरणों में होने वाली मतगणना चार मेजों पर एक साथ होगी और हर चरण के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे।

मिश्रा ने बताया कि राज्यों में अधिकतर विधायकों ने शुरुआती तीन घंटे में ही मत डाल दिए थे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों और सांसदों ने मतदान किया।

पंजाब विधानसभा में मतदान के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सभी कांग्रेस विधायकों के लिए नाश्ते की व्यवस्था की थी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के राष्ट्रपति उम्मीदवार बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद का पलड़ा भारी माना जा रहा है, जिनका मुख्य रूप से कांग्रेस के नेतृत्व में 17 विपक्षी दलों की संयुक्त उम्मीदवार लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार से मुकाबला है।

भाजपा उम्मीदवार कोविंद को राजग से अलग भी कई दलों ने समर्थन देने की घोषणा की है और कुल मिलाकर उन्हें 63 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है।

मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 25 जुलाई को समाप्त हो रहा है।

अगर राजग के उम्मीदवार कोविंद चुनाव जीतते हैं तो वह के. आर. नारायणन के बाद देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति होंगे।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending