ऑफ़बीट
कामुकता दिखाने को हिरोईन की नाभि पर फिंकवाते हैं फल और फूल
नई दिल्ली। बॉलीवुड में अपने दमदार अभिनय का सिक्का जमाने वाली अभिनेत्री तापसी पन्नू अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए भी जानी-जाती है।इस बार फिर से उन्होंने अपने फिल्मी कॅरियर के डायरेक्टर को लेकर खुलकर बयान दिया है।
हालांकि तापसी का ये बयान बहुत से लोगों को खराब लगा लेकिन वो उनसे नाराज हैं। बॉलीवुड में हिट फिल्में देने के बाद तापसी अब फिर से तमिल फिल्मों में वापसी कर रही हैं। लम्बे अंतराल के बाद फिर से तेलुगू सिनेमा में काम करने जा रही हैं। तापसी ‘आनंदो ब्रह्म’ नाम की फिल्म में काम करने जा रही हैं।
तापसी ने तेलुगू फिल्मों में अपने काम करने के अनुभव को साझा करते हुए फिल्ममेकर के राघवेंद्र को लेकर विवादित बयान दे दिया है। बता दें कि राघवेंद्र ही वह पहले निर्देशक हैं, जिन्होंने 2010 में तापसी को फिल्मों में डेब्यू करने का मौका दिया था। अब तापसी उनके निर्देशन को लेकर सवाल खड़े कर रही हैं।
तापसी ने कहा कि तमिल फिल्मों में कामुकता दिखाने के लिए हीरोइन की नाभि पर फूल और फल फिंकवाते थे। उन्होंने कहा कि मुझे अभी तक इसके पीछे की वजह आज तक समझ नहीं आई कि हीरोईन के नाभि पर फल-फूल फिंकवाने से कामुकता कैसे झलकेगी। उन्होंने कहा कि श्रीदेवी और अन्य दक्षिण भारतीय हीरोइन की मूवीज देखीं तो उनमें भी हीरोइन की नाभि पर फूल या फल फेंके जाते थे।
तापसी की नाभि पर फेंक दिया नारियल
तापसी कहती हैं कि फिल्म में अभिनय के दौरान जब उनकी बारी आई तो वो समझ नहीं पाई और उनके डायरेक्टर ने नाभि पर नारियल फेंक दिया। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि मेरी नाभि पर नारियल फेंककर कामुकता कैसे दिखाई जा सकती है?’ हालांकि तापसी ही नहीं साऊथ के कई एक्टर इस चीज को लेकर सवाल खड़े कर चुके हैं। अभिनेता चिरंजीवी ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर आपको फलों के बारे में जानना है तो आपको एक मूवी के राघवेंद्र के साथ करनी चाहिए क्योंकि वो फलों को हीरोइनों की नाभि पर फिंकवाते हैं।
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कल है रंगों का त्यौहार, जानिए होली पर क्यों पहना जाता है सफेद कपड़ा
फाल्गुन माह के शुरू होते ही होली के त्यौहार को मनाने की प्लानिंग शुरुआत हो जाती है। होली का त्यौहार ही एक ऐसा त्यौहार है जो खुद के साथ – साथ दूसरों के भी जीवन में रंग भरने का मौका देता है। होली का त्यौहार आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं इस वर्ष खेलने वाली होली यानि धुलेंडी का त्यौहार 25 मार्च को होगा। तो चलिए जानते हैं होली के दिन किस रंग के कपड़े पहले से मिलेगा मान सम्मान और प्रत्येक क्षेत्र में सफलता।
अक्सर देखा जाता है कि होली के दिन लोग सफेद कपड़े पहनकर होली खेलने के लिए निकलते हैं। शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने इस बात पर गौर किया हो कि होली के दिन आखिर क्यों लोग सफेद कपड़े ही पहनते हैं। वैसे होली पर सफेद रंग के कपड़े पहनने के कई कारण होते हैं। तो चलिए आज इसी बात को जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर क्यों सफेद रंग को ही होली जैसे रंगों भरे त्योहार के लिए चुना गया है।
मन के साथ तन को उजला करने का त्यौहार है होली
होलिका दहन जो कि रंग खेलने वाली होली के दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन उबटन इत्यादि लगाकर होलिका में प्रवाहित करने का प्रावधान है। यह इसलिए होता है कि होली में मन से बुरे विचारों को निकालकर और शरीर से मैल रूपी बुरी चीजों को निकाल दिया जाए। इस दिन लोगों के मन के साथ तन भी उजला हो जाता है और यदि इसके साथ दूसरे दिन सफेद वस्त्र धारण करके होली खेली जाए तो उसमें पड़ने वाला रंग सकारात्मक और रंग-बिरंगा ही दिखेगा। इसलिए भी होली के दिन सफेद रंग के कपड़े पहनकर होली खेलना शुभ माना जाता है।
सफेद रंग है भाईचारे और सुख-समृद्धि का प्रतीक
सफेद रंग हमें लड़ाई-झगड़े भूलकर अपनों को फिर से गले लगाना सिखाता है। सफेद रंग को शांति, सुख-समृद्धि का प्रतीक मानते हैं। यह रंग हमारे दिमाग को शांत रखता है। लोग होली के दिन सफेद रंग पहनकर प्यार, भाईचारे और मानवता को दर्शाते हैं। इस दिन सफेद रंग पहनने से मन शांत रहता है। जिन लोगों को बात-बात में क्रोध आ जाता है उन्हें विशेषकर इस दिन सफेद रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
अच्छाई की जीत मनाने के लिए सफेद रंग पहनना शुभ
सफेद रंग निष्पक्षता और अच्छाई का प्रतीक होता है। रंग वाली होली खेलने से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है और होलिका दहन की कहानी हम सभी अच्छी तरह जानते हैं। ऐसे में त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव भी कहा जाता है। इसलिए इस दिन भी य़दि सफेद कपड़े पहनकर होलिका जलाई जाए तो समाज में आपके स्वभाव को पसंद किया जाता है।
ग्रहों की नकारात्मकता को कम करने से सफेद रंग कारगर
होली के आठ दिन पहले से ही होलाष्टक लग जाता है। इस दौरान सभी मांगलिक और शुभ कार्य बंद हो जाते हैं क्योंकि इस समय वातावरण में ग्रहों में नकारात्मकता बढ़ी हुई होती है। जिसको कम करने के लिए यदि सफेद रंग के वस्त्रों का प्रयोग किया जाए तो ग्रहों का नकारात्मक असर कम करने में मदद मिलती है और बिगड़े काम भी बनते हैं।
सफेद रंग देता है सूर्य की गर्मी से निजात
होली का त्योहार उस समय आता है जब ठंडक जा रही होती है और मौसम में थोड़ी गर्माहट की शुरुआत हो जाती है। सूर्य की धूप तेज होने लगती है। लोग तेज धूप की वजह से पहले ही परेशान होते है । ऐसे में सफेद रंग हमें ठंडक पहुंचाता है। इसे पहनकर आप कड़कती धूप में आसानी से बाहर निकल सकते हैं।
घुल-मिलकर रहना सिखाता है सफेद रंग
सफेद एक ऐसा रंग है जिस पर हर कलर खिलकर आता है। अब रंगों के इस त्योहार में सफेद से बेहतर और क्या हो सकता है। यह रंग हमें भी दूसरों के साथ घुल-मिलकर रहना सिखाता है। युवाओं को भी सफेद रंग काफी पसंद आता है। यह आपको एक क्लासी लुक भी देता है। जिससे लोगों के बीच आपका प्रभाव बढ़ता है। सफेद रंग पहनने से यश और कीर्ति भी बढ़ती है।
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