Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

हेल्थ

निमोनिया से बच्चों की सर्वाधिक मौतें भारत में

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)| दुनिया में निमोनिया से बच्चों की सबसे अधिक मौतें भारत में होती हैं। यह जानकारी आईएमए ने दी है। आईएमए के मुताबिक, वर्ष 2016 में देश में तीन लाख बच्चों की इस बीमारी से मौत हो गई।

इस बीमारी से बच्चों की अधिक मौतों वाले अन्य देशों में नाइजीरिया, पाकिस्तान, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और अंगोला प्रमुख हैं। हालांकि, इन देशों में निमोनिया से होने वाली मौतों पर नियंत्रण के प्रयास हुए हैं, लेकिन दुनिया भर में सैकड़ों हजार मौतें अभी भी इस रोग के चलते जारी हैं।

आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, बच्चे की नाक व गले में आम तौर पर पाए जाने वाले विषाणु एवं जीवाणु सांस के साथ कई बार फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं। खांसते या छींकते समय बूंदों के रूप में भी ये हवा में फैल जाते हैं। अधिकांश बच्चे रोगांे से लड़ने की अपनी प्राकृतिक शक्ति से इस रोग से पार पा लेते हैं। परंतु, कुछ बच्चों में, खासकर कुपोषण के शिकार अथवा स्तनपान से वंचित बच्चों में यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है। घर के अंदर वायु प्रदूषण, भीड़भाड़ में रहने और माता-पिता के धूम्रपान के कारण भी इस रोग का खतरा बढ़ जाता है।

डॉ. अग्रवाल ने आगे कहा, निमोनिया को एंटीबायोटिक्स से ठीक किया जा सकता है। अधिकांश मामलों में घर पर ही इलाज हो जाता है। बीमारी गंभीर होने पर ही बच्चे को अस्पताल में भर्ती किया जाता है। निमोनिया छूत का रोग नहीं है, परंतु इसके विषाणु या जीवाणु संक्रमण पैदा कर सकते हैं। बच्चों को ऐसे लोगों से बचाकर रखा जाए, जिनकी नाक बहती है, गला खराब हो, खांसी आती हो अथवा जिन्हें श्वसन संक्रमण हो।

उन्होंने कहा कि स्तनपान निमोनिया को रोकने में पूर्णत: प्रभावी तो नहीं है, लेकिन इससे बीमारी की मियाद जरूर कम हो जाती है। घरेलू प्रदूषण से बचाव और भीड़भाड़ से बच्चे को बचाकर भी इस रोग से बचाव किया जा सकता है।

आईएमए के अनुसार, निमोनिया एक तरह का गंभीर श्वसन संक्रमण है, जो फेफड़ों को प्रभावित करता है। एक स्वस्थ व्यक्ति में, फेफड़ों के छोटे-छोटे भागों में श्वसन के दौरान हवा भरती है। लेकिन, निमोनिया होने पर, इनमें हवा की जगह मवाद और द्रव्य भर जाता है, जिससे श्वसन क्रिया कष्टकारक हो जाती है और ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने लगती है। निमोनिया रोग विषाणुओं, जीवाणुओं और फंगस के जरिए हो जाता है।

इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में सांस लेने में दिक्कत या तेजी से सांस लेना, खांसी, बुखार, ठिठुरन, भूख मर जाना और विषाणुजन्य संक्रमण होने पर चक्कर आना है। निमोनिया बिगड़ जाने पर बच्चे के सीने में निचला हिस्सा अंदर को धंसा हुआ प्रतीत होता है। छोटे शिशुओं में बेहोशी, हाइपोथर्मिया जैसे लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।

Continue Reading

लाइफ स्टाइल

तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय

Published

on

By

Death due to heart diseases increasing

Loading

नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कॉलेस्ट्रॉल, धूम्रपान एवं आनुवंशिक कारणों से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई आबादी में आनुवंशिक रूप से दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है। दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय हैं, जिसे अपनाकर आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।

सेहतमंद आहार लें

संतुलित और सेहतमंद आहार का सेवन करने से शरीर को सही पोषण मिलता है। जंक फूड में फैट, नमक और चीनी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो समय के साथ हमारे दिल को बीमार बना देती है। अक्सर लोग बिना सोचे समझे प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत आसान लगता है, लेकिन इस तरह का भोजन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और लो सैचुरेटेड फैट होने चाहिए।

गतिहीन जीवनशैली से बचें

बहुत से लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। आज हममें से लाखों लोग ऐसी नौकरियां करते हैं, जिसके लिए उन्हें घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है। व्यायाम की कमी व्यक्ति के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। यह मोटापे को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति धीरे धीरे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का शिकार बन जाता है।

शारीरिक रूप से सक्रिय

व्यायाम दिल को तंदुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्डियो व्यायाम से दिल की पम्प करने की क्षमता बढ़ती है और दिल की मांसपेशियां तंदुरुस्त बन जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से रक्तचाप नियन्त्रण में रहता है, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं और ब्लड शुगर भी नियन्त्रित रहती है।

तनाव से बचें

तनाव आज हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, खासतौर पर ज्यादातर शहरी लोग अपने काम को लेकर तनाव में रहते हैं। जब आपका शरीर तनाव में रहता है, तो इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। तनाव के समय शरीर में एड्रिनलिन हॉर्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से होने लगे तो दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

अच्छी और गहरी नींद

समय की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी नींद को कम कर काम करने लगते हैं। वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं जो सेहत के लिए खास तौर पर दिल के लिए खतरनाक है। 7-8 घंटे से कम नींद लेने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें

धूम्रपान और शराब का सेवन किसी भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आजकल विकासशील देशों में धूम्रपान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जो दिल के लिए नुकसानदायक है। यहां तक कि अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। धूम्रपान छोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। इसकी आदत छोड़ने के लिए निकोटीन पैच या ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराकर आप दिल की बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से अगर आपको कोई समस्या है तो समय पर उसका निदान हो जाएगा और समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकेगा। इसलिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें और अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें।

Death due to heart diseases increasing, Death due to heart diseases increasing latest news, Death due to heart diseases increasing news,

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी एक सूचना मात्र है. अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

Continue Reading

Trending