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नेशनल

तमिलनाडु के सिनेमाघरों ने जीएसटी के विरोध में खोला मोर्चा

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चेन्नई। तमिलनाडु फिल्म चैम्बर ऑफ कामर्स ने जीएसटी लागू होने के बाद लिए जाने वाले कर की राशि के स्पष्ट नहीं होने पर तीन जुलाई से पूरे तमिलनाडु में थियेटरों को अनिश्चित काल के लिए बंद करने की घोषणा शुक्रवार को की। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) शनिवार से लागू हो जाएगा।

तमिलनाडु फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अबिरामी रामनाथन ने संवाददाताओं से कहा, “राज्य सरकार को चाहिए कि शनिवार तक भ्रम की स्थिति साफ करे कि थियेटर मालिकों से कितनी कर राशि ली जाएगी। राज्य भर में सिनेमा घरों में सभी शो सोमवार से निलंबित रहेंगे।”

मल्टीप्लेक्सों ने सप्ताहांत की फिल्मों के टिकट की बुकिंग शुरू नहीं किए हैं, क्योंकि वे अभी अनिश्चितता में हैं कि सरकार जीएसटी पर मनोरंजन कर वसूल करेगी।

उन्होंने कहा, “यदि मनोरंजन कर जीएसटी में शीर्ष पर रखा जाता है तो हमें टिकट दर का 53 फीसदी भुगतान सरकार को कर के तौर पर करने को मजबूर होना पड़ेगा। यह हम लोगों के लिए मुमकिन नहीं है, क्योंकि यह उद्योग से जुड़े हमारे 10 लाख से ज्यादा परिवारों की आजीविका को प्रभावित करेगा।”

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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