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नेशनल

विवादित बयान के बाद बोले आजम–मैं भाजपा की आइटम गर्ल

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विवादित बयान, भारतीय सैनिक, दहशतगर्द, आज़म ख़ान, आइटम गर्ल

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लखनऊ। भारतीय सैनिकों को लेकर अपने विवादित बयान पर मुंह की खाने के बाद आज़म ख़ान ने ख़ुद को भाजपा की आइटम गर्ल बताया है। दरअसल, आजम खान ने कहा था कि ‘महिला दहशतगर्द फौज के प्राइवेट पार्ट्स को काटकर साथ ले गए।

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उन्हें हाथ से शिकायत नहीं थी…सिर से नहीं थी…पैर से नहीं थी….जिस्म के जिस हिस्से से उनको शिकायत थी, उसे काट के ले गए…यह इतना संदेश है जिस पर पूरे हिंदुस्तान को शर्मिंदा होना चाहिए।’

आजम खान के बयान पर चुभने वाली प्रतिक्रिया हुई है। खासकर भाजपा में। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह दिखाता है कि आज़म ख़ान जैसे लोगों की मानसिकता कितनी छोटी और विकृत है, और किस तरह का एक नरेटिव, एक कहानी पूरे देश में…भारत की आर्मी, संप्रभुता और भारत की आजादी के खिलाफ प्रॉपगेट करना चाहते हैं। यह बहुत दुखद है। भाजपा इसकी निंदा करती है।’

आज़म खान अपने बयानों को लेकर अक्सर विवाद में रहते हैं। बुलंदशहर रेप केस पर अपने बयान के लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगनी पड़ी। तब आज़म ख़ान ने कहा था, “देखिए इस पर सरकार को भी…क्योंकि हम ही सरकार हैं…इस तरह से भी संज्ञान लेना चाहिए कि कहीं कोई विपक्षी विचारधारा और सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसे लोग जो सत्ता में आना चाहते हैं, वे तो यह कुकर्म नहीं कर रहे हैं।”

मायावती से उनकी पुरानी सियासी रंजिश है। उनके लिए आजम ने कहते हैं कि “दिमागी मरीज़ अपने आपको मरीज़ नहीं समझता। फिर घरवालों की ज़िम्मेदारी है कि उसे रस्सी से बांधकर ले जाएं…और उसको जबरदस्ती दवा खिलाएं। उसका इलाज करें..यह बड़ा एहसान होगा मुख्यमंत्री के साथ कि उनका इलाज कराया जाए। उनके इलाज का सारा खर्च सपा वहन करेगी।”

न्यूज़ चैनलों के बारे में आजम अपनी सोच कुछ यूं बयां करते हैं-“मीडिया नरेंद्र मोदी की हिमायत कर रहा है। बिका हुआ है। ज़र खरीद गुलाम है। हमारा दुश्मन है मीडिया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जो है वो दुश्मन है, तुम्हारा कातिल है।”

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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