Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

धूमधाम से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू, सुरक्षा में एनएसजी भी लगी

Published

on

रथयात्रा, अहमदाबाद, जगन्नाथ, मुख्यमंत्री विजय रुपानी, गुजरात

Loading

अहमदाबाद । अहमदाबाद में रविवार को भगवान जगन्नाथ की 140वीं रथयात्रा शुरू हो गई। 15 किमी तक निकलने वाली इस यात्रा के दीदार के लिए लाखों श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा।

रथयात्रा, अहमदाबाद, जगन्नाथ, मुख्यमंत्री विजय रुपानी, गुजरात

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने रथ के रास्ते को साफ करने की प्रतीकात्मक रस्म का निर्वाह किया। भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों ने जमालपुर क्षेत्र स्थित 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से शनिवार को यात्रा शुरू की।

रथयात्रा के शुरू होने से पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सुबह के समय मंदिर में ‘मंगल आरती’ की। यात्रा में 18 हाथी, 101 ट्रक, सात कार, 30 अखाड़ों के सदस्य और 18 भजन मंडली शामिल हैं।

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर साल आषाढ़ महीने के दूसरे दिन ‘आषाढ़ी बिज’ को यह यात्रा निकाली जाती है। यात्रा सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जमालपुर, कालूपुर, शाहपुर और दरियापुर जैसे कुछ इलाकों से गुजरेगी।

रथयात्रा के दौरान सुरक्षा के लिए यात्रा मार्ग पर पुलिसकर्मी और अर्द्धसैनिक बलों के 20 हजार से अधिक कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इनमें एनएसजी कमांडो भी शामिल हैं। यात्रा में पहली बार एनएसजी की कंपनी तैनात की गई है।

 

आध्यात्म

होलिका दहन पर भद्रा का साया, जानें शुभ मुहूर्त

Published

on

Loading

नई दिल्ली। 24 मार्च यानी आज होलिका दहन मनाया जाएगा. होली के एक दिन पहले होलिका दहन होती है जिसमें लोग बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। इस दिन भद्रा का साया रहेगा. जबकि रंग वाली होली 25 मार्च को रंग-गुलाल उड़ेंगे। इस साल होली पर साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। आइए जानते हैं कि इस साल होलिका दहन पर भद्रा का साया कब से कब तक रहेगा और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है.

होलिका दहन पर भद्रा कब से कब तक?

24 मार्च को होलिका दहन के दिन भद्रा का साया सुबह 9 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इसलिए आप रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन कर पाएंगे।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से लेकर 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च को रात 11.13 बजे से रात 12.27 बजे तक रहेगा।

होलिका दहन की पूजन विधि

होलिका दहन के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। शाम के वक्त होलिका दहन के स्थान पर पूजा के लिए जाएं। यहां पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें. सबसे पहले होलिका को उपले से बनी माला अर्पित करें। अब रोली, अक्षत, फल, फूल, माला, हल्दी, मूंग, गुड़, गुलाल, रंग, सतनाजा, गेहूं की बालियां, गन्ना और चना आदि चढ़ाएं।

फिर होलिका पर एक कलावा बांधते हुए 5 या 7 बार परिक्रमा करें. होलिका माई को जल अर्पित करें और सुख-संपन्नता की प्रार्थना करें। शाम को होलिका दहन के समय अग्नि में जौ या अक्षत अर्पित करें. इसकी अग्नि में नई फसल को चढ़ाते हैं और भूनते हैं। भुने हुए अनाज को लोग घर लाने के बाद प्रसाद के रूप में बांटतें हैं। शास्त्रों में ऐसा करना बहुत ही शुभ माना गया है।

Continue Reading

Trending