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नेशनल

राष्ट्रपति चुनाव : मोदी–शाह की मौजूदगी में कोविंद ने भरा नामांकन

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नई दिल्ली राष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को नामांकन-पत्र दाखिल कर दिया।

इस दौरान संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। राजग के घटक दलों के कई प्रमुख नेता भी इस अवसर पर मौजूद रहे।

कोविंद के नामांकन में कुल 480 प्रस्तावक बने। इनमें पीएम मोदी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी कोविंद भी प्रस्तावक बने।

17 जुलाई को होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव के लिए कोविंद का सामना विपक्षी दलों की संयुक्त उम्मदीवार मीरा कुमार से होगा, जो 27 जून को नामांकन करेंगी।

नामांकन दाखिल करने के बाद रामनाथ कोविंद ने कहा कि राष्ट्रपति का पद लोकतंत्र का सबसे गरिमामय पद है। उन्होंने कहा कि वह समर्थन करने वाले सभी दलों का आभार व्यक्त करते हैं। कहा कि हमारे देश में संविधान सर्वोपरि है और इसकी गरिमा बनाई रखना हमारी जिम्मेदारी है।

बोले–राष्ट्रपति का पद दलगत राजनीति से ऊपर होना चाहिए। कोविंद बोले कि कुछ ही वर्षों में हम आजादी के 75 साल पूरे होंगे। इसके लिए हमें अभी से तैयार होना होगा। उन्होंने कहा कि मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि मैं इस पद की गरिमा बनाए रखने का हर संभव प्रयास करूंगा।

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का कांग्रेस पर निशाना

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी पार्टी का लक्ष्य देश के अंतिम व्यक्ति का विकास है। हमारी पार्टी उसी पर आगे बढ़ रही है। रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के लिए अमित शाह और पीएम मोदी का आभार व्यक्त करता हूं। योगी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी को मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाना ही था तो वह पिछली बार भी बना सकते थे, लेकिन क्योंकि भाजपा ने कोविंद जी का नाम आगे किया इसलिए लोगों को लड़वाने के लिए कांग्रेस ने मीरा कुमार का चुनाव किया। इससे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और रामनाथ कोविंद एक ही वाहन में बैठकर नामांकन भरने के लिए रवाना हुए थे।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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