नेशनल
सभी राज्यों में रेलवे की परियोजनाएं शुरू करने का होगा प्रयास : प्रभु
हैदराबाद। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि रेल विभाग ने सभी राज्यों के साथ स्पेशल पर्पज व्हिकल्स (एसपीवी) के गठन का फैसला किया है, ताकि संबंधित राज्यों में रेलवे की विशिष्ट परियोजनाएं शुरू की जा सकें। प्रभु ने सोमवार को कहा कि एसपीवी का गठन रेलवे तथा संबंधित राज्य सरकारों की समान भागीदारी में होगा।
उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों की हमेशा यह शिकायत रहती है कि रेलवे परियोजनाओं की मंजूरी में उनके साथ न्याय नहीं हुआ। विशिष्ट जरूरतों की पूर्ति के लिए हमने हर राज्य के साथ एसपीवी के गठन का फैसला किया है। मंत्री ने कहा कि अपनी प्राथमिकता तय कर हर राज्य उसे रेल मंत्रालय को भेजेगा, जिसे एसपीवी के तहत क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो भी अतिरिक्त राशि बचेगी, उससे राज्य के रेल नेटवर्क के विस्तार तथा अन्य कार्यों पर खर्च किया जाएगा। सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर दो नई रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाते हुए प्रभु ने कहा कि तीन दिन पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू के साथ एक बैठक के दौरान उन्होंने एसपीवी के गठन का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के साथ उनकी एक बैठक होगी, जिस दौरान वे उन्हें भी एसपीवी का प्रस्ताव देंगे। इस राज्य द्वारा नई रेलगाड़ियां, नई रेल लाइनों तथा अन्य परियोजनाओं की मांग पर मंत्री ने कहा कि जरूरतों की पूर्ति के लिए निवेश लाना रेलवे के लिए चुनौतीपूर्ण है।
यह पूछे जाने पर कि क्या रेलवे की खराब माली हालत के मद्देनजर ही निकट भविष्य में रेल भाड़े में वृद्धि होने वाली है, प्रभु ने कहा कि रेलवे पर बोझ पड़ने का मतलब है, आम आदमी पर बोझ पड़ना, क्योंकि रेलवे आम आदमी से ही जुड़ा है। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि रेल का संचालन सही तरीके से हो, ज्यादा मुनाफा हो और आम आदमी को ज्यादा सुविधाएं मिले।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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