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अन्तर्राष्ट्रीय

आईएस का दावा, पाकिस्‍तान में दो चीनी नागरिकों की हत्‍या की

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आईएस, चीनी, बलूचिस्तान, आतंकवाद

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इस्लामाबाद। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने चीन के उन दो नागरिकों की हत्या करने का दावा किया है जिन्हें पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मई महीने में अगवा किया गया था। ‘बीबीसी’ की रिपोर्ट के अनुसार, आईएस की ‘अमाक’ समाचार एजेंसी ने गुरुवार रात मैंसेजर ऐप टेलीग्राम पर अरबी में बयान जारी कर यह दावा किया।

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एक वरिष्ठ पाकिस्तानी सरकारी अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर ‘डॉन’ को बताया कि चीनी जोड़े की हत्या के आईएस के दावे की जांच की जा रही है। यह दावा सेना के इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस की ओर से जारी बयान के कुछ घंटों के बाद किया गया, जिसमें कहा गया था कि बलूचिस्तान के मस्तंग इलाके में ‘आईएस हमदर्दो’ के ठिकानों को लक्षित कर चले तीन दिन के एक अभियान में दो आत्मघाती हमलावरों सहित 12 कट्टर आतंकवादियों को मार गिराया गया था।

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अधिकारी ने कहा कि चीनी जोड़े के अपहरण में इस्तेमाल होने वाले वाहन मस्तंग अभियान के दौरान बरामद हुआ था। अधिकारी ने ‘डॉन’ को बताया, “हम आईएस के दावे की फिलहाल पुष्टि नहीं कर सकते हैं।” एक चीनी पुरुष व महिला क्वेटा के एक निजी स्कूल में शिक्षक थे। 24 मई को जिन्ना कस्बे में पुलिस की पोशाक पहने एक बंदूकधारी ने रास्ते में इनकी कार को रोका और इनका अपहरण कर लिया था।

वहां खड़े एक व्यक्ति ने इसका प्रतिरोध किया और एक व्यक्ति को बचा लिया। लेकिन, इस दौरान वह गोली लगने से घायल हो गया। इस घटना के बाद क्वेटा में रह रहे 11 चीनी नागरिकों को कराची ले जाया गया जहां से उन्हें चीन भेजा जाना है।

अन्तर्राष्ट्रीय

सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।

जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।

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