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नेशनल

जब वेंकैया बोले; मैं तो ऊषा का पति बनकर खुश हूं

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नई दिल्ली। देश में इन दिनों जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की चर्चा गर्म है। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए कई नाम सामने आए हैं। इन्हीं में एक नाम है केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू का। हालांकि वेंकैया ने अपने ही अंदाज में इस खबर को खारिज कर दिया है कि वह राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति की दौड़ में शामिल हैं।

जब शहरी विकास मंत्री का नाम लिया गया और उनसे पूछा गया कि क्या वे राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति बनने की दौड़ में हैं, तो उन्होंने दिलचस्प जवाब दिया। वेंकैया ने कहा, ‘मैं न तो राष्ट्रपति बनना चाहता हूं, न उपराष्ट्रपति। मैं उषा’पति ही ठीक हूं।’ मालूम हो उषा, वेंकैया की पत्नी का नाम है।

ऐसा कहकर राष्ट्रपति पद के लिए अपने नाम की चर्चा पर वेंकैया नायडू ने बहुत ही सफाई से संकेत दे दिया वह इस पद की दौड़ में शामिल नहीं हैं। केंद्रीय मंत्री ने साफ कर दिया की वो न तो देश के अगले राष्ट्रपति बनने की रेस में और न ही उपराष्ट्रपति बनने की रेस में।

वैसे वेंकैया नायडू का नाम बार-बार इसलिये भी चर्चा में आ रहा है क्योंकि बीजेपी लगातार दक्षिण की राजनीति में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रही है और वेंकैया आंध्र प्रदेश और तेंलगाना का एक बड़ा चेहरा है। इसका फायदा बीजेपी को भी हो सकता है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के अलावा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी का नाम भी उम्मीदवारों की सूची में है। इसके अलावा भाजपा खेमे से केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत का नाम भी चर्चा में है।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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