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मौलवी ने दिया आग उगलने वाला बयान, छिन गई इमाम की कुर्सी

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कोलकाता। शहर की टीपू सुल्तान मस्जिद के विवादास्पद शाही इमाम मौलाना नूर-उर-रहमान बरकाती को बुधवार को पद से बर्खास्त कर दिया गया। बरकाती ने कहा था कि भारत को अगर हिंदू राष्ट्र घोषित किया गया तो जिहाद होगा। उन्होंने अपने वाहन से लाल बत्ती हटाने से भी इनकार कर दिया था। बरकाती के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के दो दिन बाद मस्जिद ट्रस्टी बोर्ड ने उन्हें बर्खास्त किया।

प्रिंस गुलाम मोहम्मद वक्फ एस्टेट के ट्रस्टी, आरिफ अहमद ने बरकाती की ‘सेवा समाप्ति का दो पृष्ठों का नोटिस’ जारी किया। बरकाती ने दो बार भेजे गए कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्हें बर्खास्त किया गया है।

पत्र में कहा गया है, “कारण बताओ नोटिस के बाद आप ने अपने सह ट्रस्टी के साथ दुर्व्यवहार किया और लोगों को हिंसा के लिए उकसाने वाली टिप्पणियां की।” इसमें बरकाती को चेतावनी दी गई है कि यदि वह ‘सेवा समाप्ति के पत्र के किसी भी शर्त का उल्लंघन’ करते हैं तो उन पर ‘उचित कार्रवाई’ की जाएगी।

अहमद ने कहा कि बरकती को कारण बताओ नोटिस फरवरी और मार्च में दिया गया था। अहमद ने कहा, “ट्रस्टी बोर्ड की तरफ से हमने बरकाती को उनके विवादास्पद सार्वजनिक बयानों के लिए इस साल फरवरी में दो बार चेतावनी दी। उन्हें मार्च में भी कारण बताओ नोटिस दिया गया था। हमने आज (बुधवार को) उन्हें बर्खास्त करने का निर्णय लिया क्योंकि उन्होंने खुद में सुधार नहीं किया।”

बरकती को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है। वह अपने बार-बार भडक़ाऊ व विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं।

बीते सप्ताह बरकाती ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने पर ‘जिहाद’ करने की चेतावनी दी थी। उन्होंने केंद्र सरकार के निर्णय की बात कहते हुए अपनी कार से लाल बत्ती हटाने से भी इनकार कर दिया। बरकाती ने यह भी दलील दी कि यह विशेषाधिकार ब्रिटिश सरकार द्वारा शाही इमाम घोषित करने के कारण मिला हुआ है।

बरकाती को राज्य सरकार के दबाव की वजह से अपने वाहन से शनिवार को लाल बत्ती हटाने को मजबूर होना पड़ा। बरकाती के बयान से काफी हो हल्ला मचा। भाजपा और संघ परिवार के दूसरे संगठनों ने बरकाती को राष्ट्र विरोधी करार दिया।

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख चेहरे व पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने बरकाती को आरएसएस का एजेंट कह कर संबोधित किया। अहमद ने यह भी कहा कि बरकती को खुद को शाही इमाम कहना तकनीकी रूप से गलत है।

उन्होंने कहा, “यदि किसी को शाह या राजा द्वारा तैनात किया गया है तो वह अपने को शाही इमाम कह सकता है। दिल्ली के जामा मस्जिद के इमाम को मुगल वंश ने तैनात किया था। इसलिए उन्हें शाही इमाम कहा जा सकता है, लेकिन बरकाती के मामले में ऐसा नहीं है।”

नेशनल

गृहमंत्री अमित शाह ने वाराणसी में काल भैरव मंदिर में की पूजा-अर्चना, बीजेपी की जीत का मांगा आशीर्वाद

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वाराणसी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और पीएम मोदी की जीत का आशीर्वाद मांगा।

बता दें कि गृह मंत्री बुधवार की शाम काशी दौरे पर पहुंचे थे। वे महमूरगंज के मोतीझील में पीएम नरेंद्र मोदी और वाराणसी से भाजपा प्रत्याशी के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया। फिर मोतीझील मैदान में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने काशी के कार्यकर्ताओं में लोकसभा चुनाव को लेकर जोश भरने का काम किया। उसके बाद उन्होंने काशी में ही रात्रि विश्राम किया था। गुरुवार सुबह अचानक से दर्शन पूजन का प्लान तैयार किया गया था। इसके क्रम में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में गृहमंत्री ने सबसे पहले काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन किया.

काशी के कोतवाल का दर्शन करने के बाद उन्हें विश्वनाथ मंदिर भी जाना था लेकिन अचानक से उनके कार्यक्रम में हुए बदलाव के बाद वह सीधे एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए, जहां से वह अगले कार्यक्रम के लिए जाएंगे। फिलहाल गृहमंत्री ने काल भैरव मंदिर में विशेष पूजन किया है। काल भैरव मंदिर के महंत नवीन गिरी का कहना है कि काल भैरव अष्टक के साथ उनका विशेष पूजन करवाया गया है ताकि सुख, शांति व समृद्धि के साथ उन्हें बड़ी जीत मिल सके।

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