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अन्तर्राष्ट्रीय

दुनिया के इस शहर में मरने की इजाजत नहीं

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फरमान, पाबंदी, मौत, मरना, रहस्‍यमयी, शहर, दुनिया

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नई दिल्ली। इस दुनिया में कई रहस्‍यमयी और अ‍बूझ चीजें हैं। जिनके होने के बारे में भी हमें काफी समय बाद पता चलता है। इसी दुनिया में एक सुंदर और छोटा देश है नार्वे, जहां के शहर लॉन्गइयरबेन में अजीबोगरीब फरमान लागू है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां मौत पर पाबंदी लगी है। यानी कि यहां मरना मना है।

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जी हां, आपको विश्वास न हो, लेकिन यह बात सच है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नॉर्वे के छोटे से शहर लॉन्गइयरबेन में वहां के प्रशासन ने मौत पर पाबंदी लगा रखी है। नार्वे और नॉर्थ पोल के बीच स्थित इस आइसलैंड पर खून जमा देने वाली ठंड पड़ती है। सर्दियों में यहां के तापमान में जिंदगी कांप उठती है और जिंदगी बचाना तक मुश्किल हो जाता है।

मीडिया रिपोर्ट की माने तो लगभग 2000 लोगों की आबादी वाले इस शहर में लोगों को मरने की इजाजत नहीं है। मौत पर पांबदी लगाए जाने के बाद से और यहां बीते 70 साल में भी कोई मौत नहीं हुई।

क्‍यों यहां किसी की मौत नहीं होती

जो शरीर पैदा हुआ है, उसे मर ही जाना है। इस सत्‍य को कभी झुठलाया नहीं जा सका है। फि‍र‍ लॉन्गइयरबेन में मौत न होने का क्‍या रहस्‍य है। हम बताते हैं आपको।

एक शोध में यह पाया गया कि साल 1917 में जिस शख्स की मौत इनफ्लुएंजा की वजह से हुई उसके शव में इनफ्लुएंजा के वायरस पड़े मिले थे। बता दें, इनफ्लुएंजा एक विशेष समूह के वायरस के कारण मानव समुदाय में होनेवाला एक संक्रामक रोग है। इस बीमारी में इंसान बुखार की चपेट में आ जाता है और वह बहुत ज्यादा कमजोर हो जाता है। यह बीमारी महामारी के रूप में फैलती है।

बीमारी फैलने का खतरा मंडराने के बाद वहां के प्रशासन ने इस लॉन्गइयरबेन में मरने पर पाबंदी लगा दी। ऐसे में यहां जैसे ही कोई मरने वाला होता है या कोई इमरजेंसी आती है, तो उस व्यक्ति को हेलिकॉप्टर से देश के दूसरे हिस्‍से में ले जाया जाता है, और मरने के बाद वहीं पर उसका अंतिम संस्कार किया जाता है।

 

 

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका में पढ़ाई कर रहे दो भारतीय छात्रों की सड़क हादसे में मौत, कॉलेज से घर लौटते समय हुआ हादसा

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न्यूयार्क। अमेरिका में पढाई कर रहे तेलंगाना के दो छात्रों की सड़क हादसे में मौत हो गई है। दोनों छात्रों निवेश मुक्का और गौतम कुमार पारसी की शनिवार रात एरिजोना के पियोरिया में उस समय जान चली गई, जब उनकी कार दूसरी कार से जा टकराई। दोनों की उम्र 19 वर्षीय थी।

रिपोर्ट के अनुसार, निवेश करीमनगर जिले के हुजूराबाद शहर का रहने वाला था, वहीं गौतम कुमार जनगांव जिले के स्टेशन घनपुर का रहने वाला था। दोनों एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर रहे थे।

दोनों अपने दोस्तों के साथ विश्वविद्यालय से घर लौट रहे थे, तभी सामने से आ रही कार ने उनके वाहन को टक्कर मार दी। निवेश और गौतम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य घायल हो गए। निवेश डॉक्टर दंपत्ति नवीन और स्वाति का बेटा था। दोनों छात्रों के परिवारों ने भारत सरकार से शवों को वापस लाने में मदद की अपील की है।

 

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