अन्तर्राष्ट्रीय
चीन ने भारत को गंभीर नतीजे भुगतने के लिए चेताया
दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा को लेकर चीन के साथ तल्खी बढ़ती जा रही हैै। चीन ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा कि भारत ने तिब्बत को लेकर अपनी प्रतिबद्धता तोड़ी है और उसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं।
चीन की विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि भारत दलाई लामा की राजनीतिक और भडक़ाऊ बयानबाजी में शामिल हो चुका है। चीन ने कहा है कि भारत ने इससे तिब्बत को लेकर अपनी प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन किया है। अब इससे सीमा मसले के हल और द्विपक्षीय संबंधों पर नकारात्मक असर होगा।
इससे पहले चीन ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश की यात्रा का विरोध करते हुए कहा था कि भारत को इसकी इजाज़त नहीं देनी चाहिए थी। हालांकि भारत ने इस यात्रा को पूरी तरह धार्मिक यात्रा बताया था।
चीन के आरोपों पर गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजु ने ट्वीट कर कहा था कि भारत एक सेक्युलर लोकतांत्रिक देश है और धार्मिक नेताओं पर पाबंदी नहीं लगाता है। चीन दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा को राजनीतिक रूप में न ले। रिजिजु ने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश विवादित इलाक़ा नहीं है।
एक हफ्ते की पूर्वोत्तर यात्रा के दौरान बोमडिला पहुंचे दलाई लामा ने मीडिया से कहा- मैं भारत के विचारों का वाहक हूं। जहां जाता हूं अहिंसा, धार्मिक शांति और धर्मनिरपेक्षता की बात करता हूं। दलाई लामा ने चीन के आरोप के जवाब में कहा- भारत ने कभी भी मुझे चीन के विरुद्घ इस्तेमाल नहीं किया है।
बता दें कि तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा का अरुणाचल प्रदेश का एक सप्ताह लंबा दौरा मंगलवार को खत्म हो गया है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।
चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।
उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”
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