नेशनल
विवेकानंद ने दुनियाभर को भारतीय संस्कृति का ज्ञान दिया : नाइक
लखनऊ| उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने स्वामी विवेकानंद की 152वीं जयंती के मौके पर सोमवार को कहा कि जिस समय पश्चिमी देशों के होटलों में ‘इंडियन आर नॉट अलाउड’ का बोर्ड लगा रहता था, उस समय उन्होंने पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का परचम लहराया। ऐसे महापुरुष से वर्तमान पीढ़ी को सीख लेने की जरूरत है। राजधानी के अमीनाबाद स्थित झंडेवाला पार्क में कायस्थ महासभा की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में नाइक ने कहा कि विवेकानंद ने उस समय आह्वान किया था कि यदि देश के 1,000 युवा उनके साथ हो जाएं तो वह देश की तकदीर बदल देंगे। विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की और इसके माध्यम से देश ही नहीं दुनियाभर में सेवा का एक आदर्श स्वरूप प्रस्तुत किया।
झंडेवाला पार्क की दयनीय हालत पर भी चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि इस पार्क से कई महान विभूतियों का नाम जुड़ा है और यह पार्क स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुष के कार्यक्रमों का गवाह रहा है। इसे और सुंदर बनाने की जरूरत है।
इस मौके पर कार्यक्रम के संयोजक विन्ध्यावासिनी कुमार ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को स्वामी विवेकानंद के आदर्शो से अवगत कराना है, ताकि आज के आधुनिक युग में युवा भारतीय संस्कृति को अच्छी तरह से जान सकें।
इस कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरीश श्रीवास्तव भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वामी विवेकानंद से सीख लेने की जरूरत है। इनके अलावा कायस्थ महासभा से जुड़े कई प्रमुख पदाधिकारी भी इस अवसर पर मौजूद थे, जिनमें नीरज शंकर सक्सेना, विवेक श्रीवास्तव, विनोद श्रीवास्तव, अंजलि श्रीवास्तव, दीप्ति श्रीवास्तव शामिल थे।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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