अन्तर्राष्ट्रीय
जॉर्डन में 15 कैदियों को फांसी
अम्मान | जॉर्डन में शनिवार को 15 कैदियों को फांसी पर लटका दिया गया। इनमें से 10 आतंकवादी घटनाओं में दोषी ठहराए गए थे। जॉर्डन के सूचना मंत्री मोहम्मद मोमानी ने सरकारी समाचार एजेंसी पेट्रा को बताया कि इन 15 में से 10 कैदी आतंकवादी साजिश और हमलों में शामिल थे, जबकि बाकी पांच अन्य अपराधों में दोषी ठहराए गए थे।
कैदियों को अम्मान की जेल में शनिवार सुबह फांसी दी गई। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, इन कैदियों में से कुछ इरबिद शहर में आतंकवादी हमले में शामिल थे।
इन कैदियों में कुछ पिछले साल कई खुफिया विभाग के अधिकारियों की हत्या में भी दोषी ठहराए गए थे। इन 15 कैदियों में से एक ने पिछले साल वामपंथी ईसाई लेखक नाहेद हत्तर की हत्या कर दी थी।
इनमें से कई 2003 में बगदाद में जॉर्डन दूतावास हमले और 2006 में रोमन एम्पीथिएटर में पर्यटकों पर हुए हमलों में भी शामिल थे। मंत्री का कहना है कि फांसी दिए गए सभी कैदी जॉर्डन के नागरिक थे।
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सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली
नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।
सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।
जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।
गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।
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