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लाइफ स्टाइल

ई-सिगरेट से दिल के रोगों का खतरा

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E cigretteनई दिल्ली। ई-सिगरेट को पुरानी सिगरेट की तुलना में कम खतरनाक होने की सोच के साथ ज्यादा प्रचलित किया जा रहा है, क्योंकि इसमें खतरनाक धुआं, टार और कार्बन मोनोऑक्साइड नहीं होता। लेकिन ई-सिगरेट से होने वाले दिल और फेफड़ों के रोग के खतरे सामने आ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) ई-सिगरेट पर सख्त पाबंदी की मांग भी कर चुका है।

ताजा शोध में यह बात सामने आई है कि ई-सिगरेट की लत के शिकार लोग आम सिगरेट पीने वालों से ज्यादा सिगरेट पीते हैं, जिससे कार्डियक सिम्पथैटिक एक्टिविटी एंडरलीन का स्तर और ऑक्सीडेंटिव तनाव बढ़ जाता है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह दिल की समस्याओं के खतरे बढ़ा देता है।

इंडियन मंडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल और जनरल सेक्रेटरी डॉ. आर.एन. टंडन कहते हैं कि ई-सिगरेट से भी निकोटीन की लत लग सकती है। बंद जगहों पर निकोटीन के वाष्प ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं। कृत्रिम स्वाद और कैमिकल उत्पाद पर अभी कोई नियंत्रण नहीं है। गिलीकोल और एसिटोन भी खतरनाक तत्व हैं जो कारसिनोजेन का कारण बन सकते हैं।

ई-सिगरेट में धुआं तो नहीं होता, फिर भी दूसरे लोग इसके संपर्क में आते हैं। शोध में कारसिजेंस जैसे फॉर्मडिहाइड, बैन्जीन और तंबाकू आधारित न्रिटोसेमीन्स इस अप्रत्यक्ष ई-सिगरेट के सेवन से पैदा होने का पता चला है।

डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि ई-सिगरेट से कैंसर होने का खतरा एक पैकेट सिगरेट पीने की तुलना में 5 से 15 गुना होता है। धुआंरहित कुछ तंबाकू में तीन से चार गुना ज्याद निकोटीन होता है, जो दिल के ढांचे में विषैलापन पैदा करने में सक्षम होता है और ई-सिगरेट से यह खतरा टलने वाला नहीं है।

वह कहते हैं कि एक दूसरे के साथ ऐसी सिगरेट का आदान-प्रदानल करने से टीबी, हेरप्स और हैपेटाइटिस जैसे वायरस वाले रोग फैल सकते हैं। किशोरों में इसके बढ़ते प्रयोग की वजह से यह और भी चिंता का विषय बन गया है। निकोटीन से दिमाग का विकास बाधित हो सकता है, जिससे ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आ सकती है और गुस्से पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है।

डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि ई-सिगरेट असल में तंबाकू उत्पाद ही है। इसके खतरों के बारे में कई प्रमाण मौजूद हैं, इसलिए सावधानी जरूरी है। धूम्रपान करने वाले इसे छोडऩे की तकनीक सीखें और वही तकनीक अपनाएं जिन्हें मान्यता है। जैसे, गम पैचेस वगैरह।

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तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय

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Death due to heart diseases increasing

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नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कॉलेस्ट्रॉल, धूम्रपान एवं आनुवंशिक कारणों से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई आबादी में आनुवंशिक रूप से दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है। दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय हैं, जिसे अपनाकर आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।

सेहतमंद आहार लें

संतुलित और सेहतमंद आहार का सेवन करने से शरीर को सही पोषण मिलता है। जंक फूड में फैट, नमक और चीनी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो समय के साथ हमारे दिल को बीमार बना देती है। अक्सर लोग बिना सोचे समझे प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत आसान लगता है, लेकिन इस तरह का भोजन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और लो सैचुरेटेड फैट होने चाहिए।

गतिहीन जीवनशैली से बचें

बहुत से लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। आज हममें से लाखों लोग ऐसी नौकरियां करते हैं, जिसके लिए उन्हें घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है। व्यायाम की कमी व्यक्ति के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। यह मोटापे को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति धीरे धीरे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का शिकार बन जाता है।

शारीरिक रूप से सक्रिय

व्यायाम दिल को तंदुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्डियो व्यायाम से दिल की पम्प करने की क्षमता बढ़ती है और दिल की मांसपेशियां तंदुरुस्त बन जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से रक्तचाप नियन्त्रण में रहता है, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं और ब्लड शुगर भी नियन्त्रित रहती है।

तनाव से बचें

तनाव आज हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, खासतौर पर ज्यादातर शहरी लोग अपने काम को लेकर तनाव में रहते हैं। जब आपका शरीर तनाव में रहता है, तो इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। तनाव के समय शरीर में एड्रिनलिन हॉर्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से होने लगे तो दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

अच्छी और गहरी नींद

समय की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी नींद को कम कर काम करने लगते हैं। वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं जो सेहत के लिए खास तौर पर दिल के लिए खतरनाक है। 7-8 घंटे से कम नींद लेने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें

धूम्रपान और शराब का सेवन किसी भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आजकल विकासशील देशों में धूम्रपान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जो दिल के लिए नुकसानदायक है। यहां तक कि अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। धूम्रपान छोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। इसकी आदत छोड़ने के लिए निकोटीन पैच या ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराकर आप दिल की बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से अगर आपको कोई समस्या है तो समय पर उसका निदान हो जाएगा और समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकेगा। इसलिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें और अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें।

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी एक सूचना मात्र है. अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

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