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प्रादेशिक

उप्र में ठंड बढ़ी

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित राज्य के अधिकांश जिलों में गुरुवार रात से ही शीतलहर का असर और बढ़ गया है। तापमान गिरने की वजह से ठंड में भी इजाफा हुआ है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक मौसम के रुख में बदलाव नहीं होने के आसार जताए हैं। उप्र मौसम विभाग के निदेशक जे. पी. गुप्ता ने बताया कि अगले दो दिनों तक मौसम का यही हाल बना रहेगा। राज्य के कई जिलों में कहीं घना तो कहीं बहुत घना कोहरा छाया रहेगा।

गुप्ता के मुताबिक, दिन में धूप निकलने की सम्भावना नहीं के बराबर है। धूप निकलेगी भी तो वह बहुत हल्की रहेगी।

कोहरे की वजह से उप्र में मेरठ, नजीबाबाद, शाहजहांपुर, बहराइच, गोरखपुर, लखनऊ, सुल्तानपर, कानपुर, गोरखपुर और देवरिया सहित कई जिलों में कोहरे का जबर्दस्त असर दिखाई दे रहा है।

कोहरे की वजह से दृश्यता का स्तर 50 मीटर तक पहुंच गया है। कानपुर और झांसी मंडलों में तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है।

मौसम विभाग के अनुसार, कोहरे की वजह से शुक्रवार को राजधानी लखनऊ के अधिकतम तापमान में सात डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। लखनऊ का अधिकतम तापमान शुक्रवार को 15़ 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

इसके अतिरिक्त मेरठ, बहराइच, सुल्तानपुर और मुरादाबाद में भी तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई। पिछले 24 घंटों के दौरान हमीरपुर उप्र का सबसे सर्द इलाका रहा, जहां न्यूनतम तापमान 4़ 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को राजधानी लखनऊ का न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किए जाने का अनुमान व्यक्त किया गया है।

लखनऊ के अतिरिक्त शनिवार को बनारस का न्यूनतम तापमान छह डिग्री, इलाहाबाद का 8़ 2 डिग्री, कानपुर का 5़ 2 डिग्री और गोरखपुर का 5़ 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

इस बीच कोहरे की मार रेल, सड़क व हवाई यातायात पर भी पड़ी है। कोहरे की वजह से शहीद एक्सप्रेस, आम्रपाली एक्सप्रेस, गोरखधाम एक्सप्रेस, ग्वालियर एक्सप्रेस, वैशाली एक्सप्रेस व गोमती एक्सप्रेस अपने नियत समय से काफी देरी से चल रहीं थीं।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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