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अमरिंदर का आरोप, वोट के लिए नोट बांट रहे अकाली कार्यकर्ता

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captian-amrinder-singhचंडीगढ़। पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने आरोप लगाया है कि सत्ताधारी अकाली दल के कार्यकर्ता शनिवार को विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान में पार्टी को वोट देने के लिए मतदाताओं को लुभाने हेतु उनके बीच पैसे बांटने की कोशिश कर रहे हैं। अमरिंदर के एक प्रवक्ता ने कहा, “हक्कु वाल गांव में कुछ तनाव के क्षण थे, क्योंकि स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने अमरिंदर सिंह से सुखबीर बादल के एक करीबी सहायक विक्की मिद्दुखेरा के भतीजे तेजिंदर सिंह मिद्दुखेरा द्वारा गुरुवार रात पैसे बांटे जाने की शिकायत की।”

प्रवक्ता ने आगे कहा, “ग्रामीणों ने जब विक्की को पैसे बांटते पकड़ा तो उसने भी प्रकाश सिंह बादल के पक्ष में मतदान नहीं करने पर गंभीर परिणामों की धमकी दी। इसके बाद ग्रामीणों ने स्थानीय कांग्रेस नेताओं को बुलाया। यद्यपि विक्की और उसके गुंडे भाग गए, लेकिन ग्रामीणों ने उसकी कार जब्त कर ली।”

अमरिंदर ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि अकाली दल के नेता मतदाताओं को पैसे से रिझाने की कोशिश कर रहे हैं। बादल की पारंपरिक सीट लांबी पर अमरिंदर पंजाब के मुख्यमंत्री को चुनौती दे रहे हैं।

लांबी से बादल साल 1997 से विधायक हैं। पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों के लिए चार फरवरी (शनिवार) को मतदान होगा।

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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