Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान पर्रिकर गोवा में थे : दिग्विजय

Published

on

Loading

सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान पर्रिकर गोवा में थे : दिग्विजय

पणजी | कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान गोवा में थे। उन्होंने कहा कि पर्रिकर को पाकिस्तानी सीमा में आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में टेलीविजन के जरिए पता चला था। दिग्विजय ने पणजी में मीडिया से कहा, “रक्षा मंत्री को सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में टीवी से पता चला, उस समय वह गोवा में थे।”

उन्होंने साथ ही कहा कि पर्रिकर ने सर्जिकल स्ट्राइक के लिए इस अभियान को अंजाम देने वाली भारतीय सेना की जगह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा खुद को मिले प्रशिक्षण को इसका श्रेय दिया, जो अनुचित है।

दिग्विजय ने कहा, “मुझे कहते हुए खेद हो रहा है कि एक व्यक्ति जो मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अब रक्षामंत्री हैं, उन्होंने सेना के स्थान पर आरएसएस को इसका श्रेय दिया।”

उन्होंने कहा, “यह पहले भी किया जा चुका है और पूर्व सेना प्रमुख ने भी कहा था कि ऐसे अभियान पहले भी अंजाम दिए जा चुके हैं। लेकिन, ऐसी चीजों के लिए सार्वजनिक रूप से श्रेय नहीं लिया जाता।”

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

Continue Reading

Trending