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गणतंत्र दिवस परेड में तेजस ने दिखाया दम

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गणतंत्र दिवस परेड में तेजस ने दिखाया दम

नई दिल्ली | देश के हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस और एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निग एंड कंट्रोल सिस्टम (एईडब्ल्यू एंड सी) ने गुरुवार को गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार अपनी ताकत दिखाई। आसमान में बदली छाए रहने के बावजूद 300 मीटर की ऊंचाई पर 780 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भरकर तीन लड़ाकू जेट विमानों ने राजपथ पर दर्शकों को हैरत में डाल दिया।

इससे पहले एलसीए ने पिछले साल भारतीय वायु सेना दिवस पर भी उड़ान भरी थी। इसने आईएएफ की प्रदर्शनी आयरन फर्स्ट, एयरो इंडिया और बहरीन अंतर्राष्ट्रीय एयरशो में भी अपनी ताकत दिखाई थी।

एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी द्वारा विकसित और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. द्वारा प्रस्तुत स्वदेशी निर्मित तेजस चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जो 1,350 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ने की क्षमता रखता है और इसकी तुलना फ्रांस के मिराज 2000, अमेरिकन एफ-16 और स्वीडन के ग्रिपेन सहित विश्व के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमानों से की जाती है।

तेजस को जुलाई 2016 में भारतीय वायुसेना के 45वें स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था। विमानों की संख्या को मौजूदा आठ से बढ़ाकर प्रतिवर्ष 16 करने की योजना है।

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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