प्रादेशिक
आगरा में 95 वर्षीया महिला ने विस चुनाव के लिए नामांकन किया
आगरा | आगरा में 95 साल की एक बुजुर्ग महिला ने विधानसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन-पत्र भरा है। वह नामांकन करने वाली संभवत: सर्वाधिक बुजुर्ग उम्मीदवार हैं और आगरा जिले की नौ विधानसभा सीटों के लिए 166 उम्मीदवारों में से एक हैं। यहां मतदान 11 फरवरी को होगा।
जल देवी ने खरगढ़ विधानसभा सीट से नामांकन-पत्र भरा है, जबकि उनके बेटे राम नाथ सिकरवार ने भी मंगलवार को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया है। वह ह्वील चेयर में बैठकर समाहरणालय पहुंचीं। उनके साथ उनका पुत्र और एक वकील थे।
बिना किसी सहारे के अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सकने वाली जल देवी भ्रष्टाचार से लड़ने और विकास को एक नई दिशा देने को लेकर आशावान हैं।
गत पंचायत चुनाव में वह जगनेर प्रखंड से रिकार्ड 13,000 मतों से विजयी हुई थीं। सबसे अधिक 33 उम्मीदवार आगरा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में हैं। इसके बाद आगरा उत्तर विधानसभा क्षेत्र से 25 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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