नेशनल
सिद्धू बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हुए हैं : अमरिंदर
अमृतसर | कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू बिना कोई शर्त रखे कांग्रेस में शामिल हुए हैं। क्रिकेट से राजनीति में आए सिद्धू कांग्रेस में शामिल होने के बाद गुरुवार को पहली बार प्रदेश अध्यक्ष के साथ नजर आए।
सिद्धू के कांग्रेस से जुड़ने पर खुशी जताते हुए अमरिंदर ने कहा, “वह पार्टी के सैनिक हैं और बिना किसी शर्त पार्टी से जुड़े हैं। उन्होंने कभी किसी तरह की शर्त नहीं रखी।”
अमरिंदर ने स्पष्ट किया कि “सिद्धू बिना कोई शर्त रखे कांग्रेस में शामिल हुए हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के स्टार प्रचारक होंगे।”
अमरिंदर ने बाद में ट्विटर पर सिद्धू के साथ अपनी तस्वीर भी साझा की। तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा, “साथ में पहली बार संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए। सिद्धू मेरे बेटे की तरह हैं और मुझे खुशी है कि हम पंजाब चुनाव साथ मिलकर लड़ रहे हैं।”
उल्लेखनीय है कि रविवार को सिद्धू के कांग्रेस में शामिल होने के औपचारिक कार्यक्रम में अमरिंदर उपस्थित नहीं थे। उनकी उपस्थिति से अटकलें लगाई जा रही थीं कि अमरिंदर कांग्रेस द्वारा सिद्धू को मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित करने की आशंका से नाखुश थे।
अमरिंदर ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा था, “मुझे नहीं पता कि मैं मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी हूं या नहीं। इसका फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को करना है।”
पत्रकारों के सवाल पर सिद्धू ने भी सभी अटकलों को खारिज करते हुए कहा, “बेटा, बेटा होता है और बाप, बाप होता है।”
सिद्धू ने कहा कि वह कांग्रेस में अमरिंदर के कारण आए हैं और वह लांबी विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ चुनाव प्रचार करने जाएंगे।
सिद्धू ने ट्वीट किया, “सारी तैयारियां हो चुकी हैं, कार्यकर्ताओं में उत्साह है, कैप्टन अमरिंदर सिंह पूरे दमखम के साथ खड़े हैं। समय आ गया है कि बादल सरकार को गद्दी से उतार फेंका जाए।”
अमरिंदर ने बादल परिवार के खिलाफ नरम रुख अपनाने के आम आदमी पार्टी (आप) के आरोपों को भी खारिज किया।
अमरिंदर ने कहा, “मैं लांबी से बादल को हराने के लिए लड़ रहा हूं।”
नेशनल
सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।
केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।
याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।
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