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नेशनल

मप्र : बैतूल में आदिवासी छात्र को आग लगाई, हालत गंभीर

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Fireबैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में मामूली विवाद पर एक छात्र ने सातवीं में पढऩे वाले आदिवासी छात्र पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। आदिवासी छात्र की हालत गंभीर है, उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घोड़ाडोंगरी पुलिस चौकी प्रभारी जुगल किशोर ने रविवार को संवाददाताओं को बताया कि 14 वर्षीय गोपाल मीडिल स्कूल मोरडोंगरी में कक्षा सातवीं का छात्र है। शनिवार को स्कूल में उसका साथ पढऩे वाले एक छात्र के साथ मामूली विवाद हुआ था। विवाद वहीं खत्म होकर स्कूल से वे अपने-अपने घर चले गए थे।

जुगल किशोर के मुताबिक, रविवार अपराह्न् लगभग चार बजे गोपाल बाकुड़ की नदी पर नहाने गया था, जहां उसे वही लडक़ा मिल गया, जिसके साथ उसका एक दिन पहले विवाद हुआ था। गोपाल को वहां नहाता देख आरोपी लडक़ा एक बॉटल में पेट्रोल लाया और गोपाल पर डालकर उसे आग लगा दी। घटना करने के बाद आरोपी वहां से भाग गया। घटना में गोपाल 90 प्रतिशत जल गया। उसे जलते देख ग्रामीणों ने सारनी पुलिस को सूचना दी।

जुगलकिशोर के अनुसार, सारनी के थाना प्रभारी विक्रम रजक को जब गोपाल के जलने की सूचना मिली तो वे स्वयं 108 एंबुलेंस से उसे घोड़ाडोंगरी अस्पताल लेकर आए। पीड़ित की हालत गंभीर होने की वजह से घोड़ाडोंगरी अस्पताल में उसका प्राथमिक उपचार कर बैतूल के लिए रेफर कर दिया गया है।

घोड़ाडोंगरी अस्पताल में पीड़ित छात्र ने बताया कि बाकुड़ के रहने वाले लडक़े ने उसे जलाया है, जिससे उसका एक दिन पूर्व विवाद हुआ था।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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