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प्रादेशिक

मप्र के नगरों में होगी ‘आनंदम’ की स्थापना

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मप्र के नगरों में होगी 'आनंदम' की स्थापना

भोपाल | मध्य प्रदेश में आनंद विभाग के अस्तित्व में आने के बाद राज्य सरकार हर नगर में ‘आनंदम’ स्थल की स्थापना करने जा रही है। यह ऐसा स्थान होगा, जहां सक्षम लोगों द्वारा दान दी गई वस्तु जरूरतमंद को प्राप्त हो सकेगी और दोनों को पारस्परिक आनंद की अनुभूति होगी।

आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मंत्रालय में प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा था कि जरूरत के समय मदद मिलने पर और जरूरतमंद की मदद करने पर दोनों व्यक्तियों को पारस्परिक आनंद की प्राप्ति होती है। इस व्यवस्था को कार्यरूप में बदलने के प्रारंभिक प्रयास के रूप में ‘आनंदम’ की स्थापना की जाए।

चौहान ने कहा कि आनंदम ऐसा स्थान होगा, जहां देने का और पाने का आनंद प्राप्त होगा। यह ऐसा स्थान होगा, जहां पर ऐसे व्यक्ति जो सामग्री देना चाहते हैं, रख सकेंगे। यहीं से जरूरतमंद व्यक्ति अपने उपयोग के लिए सामग्री भी प्राप्त कर सकेंगे।

उन्होंने कम्बल का उदाहरण देते हुए कहा कि ठंड के समय कंबल मिलने पर आनंद की प्राप्ति होती है। उसी तरह ठंड से बचाने में किसी की मदद का प्रयास भी आनंददायक होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि सभी के जीवन में आनंद और प्रसन्नता आए। इसी मकसद से आनंद विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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