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प्रादेशिक

अनिल बैजल ने दिल्ली के 21वें उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली

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anil-and-kejriwalनई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अनिल बैजल ने शनिवार को दिल्ली के उपराज्यपाल पद की शपथ ली। दिल्ली उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.रोहिणी ने उपराज्यपाल कार्यालय में बैजल को शपथ दिलाई।

दिल्ली के 21वें उप-राज्यपाल के तौर पर अनिल बैजल ने राज निवास में सुबह 11 बजे शपथ ली। इस मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे।

बैजल 1969 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं। बैजल अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में होम सेक्रेटरी थे। बैजल को नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर (हृस््र) अजीत डोभाल का करीबी माना जाता है। उन्होंने नजीब जंग की जगह पद्भार संभाला है। जंग ने पिछले दिनों अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

उत्तर प्रदेश

जौनपुर की चुनावी जंग हुई रोचक, बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को बनाया उम्मीदवार

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लखनऊ। बसपा ने उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि दूसरी ओर सपा ने एक वक्त में मायावती के करीबी रहे बाबू सिंह कुशवाहा को यहां से टिकट दिया है। वहीं बीजेपी ने पूर्व कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री कृपाशंकर सिंह को यहां से चुनावी मैदान में उतारा है।

मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक पहले बाहुबली धनंजय सिंह के सपा से चुनाव लड़ने की अफवाहों से सियासी गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई थी। इसके बाद उन्हें सजा हो गई और उनका लोकसभा चुनाव लड़ना टल गया। इन सबके बीच सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा को इस सीट से मैदान में उतार दिया। इसके बाद बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी को टिकट देकर यहां मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है। उन्होंने बीएसपी के ऐलान के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘जय भीम जय जौनपुर’। उनके इस पोस्ट से सियासी हलचल बढ़ गई है।सूत्रों की मानें तो अब जौनपुरी सीट पर सियासी जंग काफी रोचक हो गई है।

इससे पहले उन्होंने धनंजय सिंह के जेल जाने के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट कर लिखा था, ‘आप सभी से एक अपील।हम आपकी भावनाओं की कद्र करते हैं लेकिन फैसला न्यायपालिका ने दिया है जिसका हमें सम्मान करना‌ चाहिए व साथ ही साथ अपने नेता श्री धनंजय जी का अनुसरण करते हुए किसी भी नेता अथवा दल के बारे में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपके नेता के व्यक्तित्व पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने आगे कहा था, ‘कभी किसी भी दल अथवा नेता के लिए ग़लत शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया, कृपया आप भी संयम बनाएं, धैर्य से काम लें।आपके नेता को आपके सहानुभूति की जरूरत है। उम्मीद करती हूं कि आप मेरी बातों पर अमल करेंगे।बता दें कि जौनपुर सीट पर छठवें चरण में 25 मई को वोट डाले जाएंगे।

 

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