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प्रादेशिक

पंजाब ने 9 खिलाड़ियों को डीएसपी नियुक्त किया

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पंजाब सरकार, उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह, पंजाब पुलिस, रजत पदक विजेता

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पंजाब सरकार, उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह, पंजाब पुलिस, रजत पदक विजेता

चंडीगढ़ | पंजाब सरकार ने सोमवार को भारत के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के नौ खिलाड़ियों को खेल कोटे के तहत पंजाब पुलिस में पुलिस उपाधीक्षक की नौकरियां दीं। चंडीगढ़ में आयोजित एक समारोह में सभी नौ खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र दिए गए। इस समारोह में पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल भी मौजूद थे।

इन नौ खिलाड़ियों में राष्ट्रीय पुरुष हॉकी टीम के पांच खिलाड़ी शामिल हैं। एशियन खेलों-2014 में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा रहे मिडफील्डर मनप्रीत सिंह, फारवर्ड आकाशदीप सिंह, सरवनजीत सिंह, रमनदीप सिंह, गुरविंदर सिंह और धरमवीर सिंह को पुलिस उपाधीक्षक नियुक्त किया गया।मनप्रीत और आकाशदीप इस साल लंदन में आयोजित हुए एफआईएच चैम्पियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रहे।

इस मौके पर मनप्रीत ने कहा, “पंजाब पुलिस में पुलिस उपाधीक्षक के तौर पर नियुक्त होना सम्मान की बात है। मैं इस सम्मान के लिए पंजाब सरकार का शुक्रगुजार हूं।”

पंजाब पुलिस में पुलिस उपाधीक्षक के तौर पर नियुक्त होने वाले छह हॉकी खिलाड़ियों के अलावा अन्य तीन खिलाड़ी तीन बार एशियन खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता मंदीप कौर, एशियन खेलों में रजत पदक विजेता एथलीट खुशबीर कौर तथा एशियन खेलों-2014 में कांस्य पदक विजेता अमनदीप कौर हैं।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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