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नोटबंदी सबसे बड़ा घोटाला, एसआईटी करे जांच : चिदम्बरम

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पी. चिदम्बरम, पूर्व वित्त मंत्री, नोटबंदी, संवाददाता, इस साल का सबसे बड़ा घोटाला, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, मनमोहन सिंह, एसआईटी

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पी. चिदम्बरम, पूर्व वित्त मंत्री, नोटबंदी, संवाददाता, इस साल का सबसे बड़ा घोटाला, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, मनमोहन सिंह, एसआईटी

chidambaram

नागपुर | पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने मंगलवार को कहा कि नोटबंदी इस साल का सबसे बड़ा घोटाला है। उन्होंने इस बात की जांच कराने के लिए एक विशेष जांच दल के गठन की मांग की कि कैसे कुछ लोग 2000 मूल्य के नए नोटों के बंडल पाने में कामयाब हो गए, जबकि आम लोग उक्त राशि का एक नोट निकालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। चिदम्बरम ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं दो हजार रुपये का एक नोट नहीं पा सकता हूं जबकि देश भर में छापेमारी के दौरान 2000 रुपये के नए नोटों में अब तक करोड़ों रुपये लोगों के कब्जे से मिले हैं। सरकार ने आय कर विभाग को जांच करने का आदेश दिया है। यह बहुत बड़ा अपराध है और इस मामले में आपराधिक जांच होनी चाहिए।”

भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने नोटबंदी को इस साल का सबसे बड़ा घोटाला बताया और विशेष जांच दल (एसआईटी) से इसकी मुकम्मल जांच कराने की मांग की।
चिदम्बरम ने कहा, “मैं मानता हूं कि लोगों के साथ जो कुछ हो रहा है उसे वे नहीं भूलेंगे और इसके लिए निश्चित रूप से सरकार को माफ नहीं करेंगे। नोटबंदी के दूसरे दिन मैं एक शादी समारोह में गया था और देखा कि धनवान लोग प्रभावित नहीं हैं। केवल गरीब लोग ही परेशान हैं।” नोटबंदी को एक विचारहीन कदम बताकर खारिज करते हुए उन्होंने कहा, “दुनिया में किसी ने भी इसे अच्छा नहीं कहा है। प्रत्येक बड़े समाचार पत्र और अर्थशास्त्रियों ने इसकी निंदा की है।”

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि लोगों को 24000 रुपये निकालने की अनुमति देने के सरकारी निर्णय के पीछे क्या तर्क है, जबकि बैंकों के पास पर्याप्त नकदी नहीं है और देश भर में लोग लंबी कतारों में खड़े होने को मजबूर हैं। चिदम्बरम ने पूछा, ” नोटबंदी के बाद से दैनिक मजदूरी पर निर्भर करीब 45 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। उन्हें कौन मुआवजा देने जा रहा है?” ग्रामीण इलाकों में लोगों की पीड़ा का उल्लेख करते हुए उन्होंने पूछा कि जिला सहकारी बैंकों को इस पूरी कवायद से क्यों अलग रखा गया है?

पूर्व वित्त मंत्री ने आगे कहा, “जिला सहकारी बैंकों को योजना से बाहर रखना किसानों को सजा देने के समान है। खाद, बीज, आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं।” नकद रहित अर्थव्यवस्था की ओर जाने की योजना का उपहास करते हुए उन्होंने पूछा, “दुनिया के किस देश में नकदरहित अर्थव्यवस्था है? क्या अमेरिका या सिंगापुर के पास है? इस देश में बिजली कहां है, मशीनें कहां हैं? आप अर्थव्यवस्था को बड़े झटके से महत्वहीन नहीं बना सकते हैं।”

नोटबंदी से पैदा जटिलताओं का विस्तार से उल्लेख करते हुए पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि कैसे साख विकास, ग्रीनफील्ड निवेश और औसत मांग सबसे निम्न स्तर पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि इसीलिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसे ऐतिहासिक कुप्रबंधन कहा है। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा कदम उठाने से पहले सरकार को कम से कम राजग के पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा या मनमोहन सिंह से मशवरा करना चाहिए था।
 

नेशनल

कर्नाटक के मंत्री बोले- मोदी-मोदी के नारे लगाने वालों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए

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बेंगलुरु। कर्नाटक के मंत्री शिवराज तंगाडागी ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाने वाले युवकों और छात्रों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए। मंत्री ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। कन्नड़ एवं संस्कृति मंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में वोट मांगने के लिए शर्म आनी चाहिए, क्योंकि वह विकास के मोर्चे पर भी विफल रही है।

“दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था”

तंगाडागी ने कहा, “उन्हें शर्म आनी चाहिए। वे विकास का एक काम तक नहीं कर पाए, फिर किस मुंह से वोट मांग रहे हैं। उन्होंने दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। क्या उन्होंने किसी को नौकरी दी। जब नौकरियों के बारे में पूछो तो वे कहते हैं- पकौड़े बेचो, उन्हें शर्म आनी चाहिए।” कोप्पल जिले के करातागी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अगर कोई छात्र या युवक अब भी ‘मोदी-मोदी’ कहे तो उन्हें थप्पड़ मारे जाने चाहिए

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने मंत्री की टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस के बहुत बुरी तरह से हारने को भांपकर वे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं और वे प्रधानमंत्री मोदी को तानाशाह कहते हैं!” भाजपा ने निर्वाचन आयोग को याचिका देकर मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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