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पीएनबी, ओला के साथ मिलकर लगाएगी मोबाइल एटीएम

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पीएनबी, ओला के साथ मिलकर लगाएगी मोबाइल एटीएमनई दिल्ली | पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने मंगलवार को कैब एग्रीगेटर ओला के साथ भागीदारी की घोषणा की है, जिसके तहत दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मोबाइल एटीएम स्थापित किए जाएंगे।

ओला के व्यापार प्रमुख (उत्तरी) दीप सिंह ने एक बयान जारी कर कहा, “ओला का व्यापक नेटवर्क समूचे राज्य में मौजूद है। हम इसके माध्यम से मोबाइल एटीएम को लोगों के समीप ला रहे हैं। इससे नकदी निकालने में उन्हें हो रही परेशानी दूर होगी।”

पीएनबी की एटीएम मशीनों से लैस ओला कैब गुड़गांव, लक्ष्मीनगर, जनकपुरी, सिविल लाइंस, एम्स, नेताजी सुभाष प्लेस, मानेसर, नेहरू प्लेस, भीकाजी कामा प्लेस, मयूर विहार, फरीदाबाद, तिलक नगर, राजौरी गार्डन और ग्रेटर कैलाश में खड़ी रहेंगी। इसमें ओला कार्यकर्ता और पीएनबी के अधिकारी भी लोगों की मदद के लिए मौजूद रहेंगे, ताकि उन्हें निकालने में किसी तरह की परेशानी न हो।

इस हफ्ते की शुरुआत में ओला ने ऐसी ही सेवा यस बैंक के साथ भागीदारी में मुंबई, बेंगलुरू, चेन्नई, पुणे, कोलकाता, चंडीगढ़, अहमदाबाद, हैदराबाद और जयपुर में शुरू की थी।

पंजाब नेशनल बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक (दिल्ली और एनसीआर) राजेश यदुवंशी ने कहा, “इस गतिविधि के माध्यम से ओला ने पीएनबी के मौजूदा नेटवर्क में बढ़ोतरी की है, जिसमें हमारे ग्राहकों को माइक्रो एटीएम/पॉइंट ऑफ सेल मशीनों से नकदी निकालने में आसानी होगी।”

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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