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नेशनल

देश के गरीबों तक ऊर्जा की पहुंच आवश्यक : मोदी

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देश के गरीबों तक ऊर्जा की पहुंच आवश्यक : मोदी

नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊर्जा संसाधनों तक अमीरों और गरीबों की पहुंच के फासले का कम करने का वादा किया। मोदी ने सोमवार को विज्ञान भवन में पेट्रोटेक 2016 तेल एवं गैस प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए कहा कि ऊर्जा क्षेत्र के भविष्य के लिए उनकी सोच उपलब्धता, क्षमता, स्थिरता और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की है।

मोदी ने कहा, “देश में एक तरफ लोग हाइब्रिड कारें खरीद रहे हैं, जबकि गरीब ईंधन खरीद रहे हैं, जिससे ग्रामीण महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो रही हैं। हमारा ध्यान इस असमानता को कम करना है।”

उन्होंने कहा कि देश को ऐसी ऊर्जा की जरूरत है जिसकी पहुंच गरीबों तक भी हो।

उन्होंने 2020 तक घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और तेल आयात 20 फीसदी तक घटाने की जरूरत पर जोर दिया। मोदी ने युवाओं से तेल एवं गैस क्षेत्र से जुड़ने की अपील की।

उन्होंने कहा, “हमें ऊर्जा के किफायती और विश्वसनीय स्रोत को खोजने की जरूरत है। युवाओं को इस क्षेत्र से जुड़ना चाहिए और देश की तेल सुरक्षा के नए माध्यमों को खोजना चाहिए।”

उन्होंने भारतीय तेल एवं गैस कंपनियों से बहुराष्ट्रीय बनने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इसमें हरसंभव मदद देगी।

उन्होंने कहा, “हम लाल फीताशाही को लाल कार्पेट में बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

मोदी ने देश में ऊर्जा तक पहुंच और ऊर्जा सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है कि देश के प्रत्येक गांव तक मार्च 2018 तक बिजली की आपूर्ति हो सके।

देश में 30 करोड़ से अधिक लोगों के पास बिजली आपूर्ति नहीं है। उन्होंने कहा, “वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच देश को ऊर्जा सुरक्षा की जरूरत है।”

मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र के भविष्य के लिए सामान्य तौर पर ऊर्जा और विशेष रूप से हाइड्रोकार्बन उन की सोच का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

उन्होंने कहा, “भारत में साल 2040 में पूरे यूरोप की तुलना में अधिक तेल की खपत होगी। परिवहन ढांचा भी कई गुना बढ़ सकता है। हम 2034 तक विमानन क्षेत्र में तीसरा सबसे बड़ा बाजार होंगे और ईंधन की मांग भी चार गुना बढ़ेगी।”

उन्होंने कहा कि देश के हाइड्रोकार्बन क्षेत्र पर तेज विकास करने की जिम्मेदारी है।

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने तेल एवं गैस क्षेत्र को देश के सामाजिक-आर्थिक बदलाव का उत्प्रेरक वाहन बताया।

पेट्रोटेक 2016 प्रदर्शनी में 50 देशों के लगभग 600 प्रदर्शक हिस्सा लेंगे। यह प्रदर्शनी चार दिसंबर से सात दिसंबर तक दिल्ली के प्रगति मैदान में चलेगी।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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