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उलझे रिश्तों में बढ़ रही अनैतिकता के किरदार की कहानी है ‘मोह माया मनी’

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उलझे रिश्तों में बढ़ रही अनैतिकता के किरदार की कहानी है ‘मोह माया मनी’

प्रमुख कलाकार- नेहा धूपियाए रणवीर शौरी

निर्देशक- मुनीष भारद्वाज

स्टार- तीन

मुनीष भारद्वाज ने समाज में रह रहे एक दंपत्ति जिनका नाम अमन और दिव्या है को ध्यान में रख कर सामाजिक विसंगतियों को दर्शाया है। अमन और दिव्या दिल्ली में रहते हैं। दिव्या के पास चैनल की अच्छी् नौकरी है। वह जिम्मेदार पद पर है। अमन रियल एस्टेट एजेंट है।

वह कमीशन और उलटफेर के धंधे में लिप्त है। उसे जल्दी से जल्दी अमीर होना है। दोनों अपनी जिंदगियों में व्यस्त हैं। शादी के बाद उनके पास एक-दूसरे के लिए समय नहीं है। समय के साथ मुश्किलें और जटिलताएं बढ़ती हैं।

अमन दुष्चक्र में फंसता है और अपने अपराध में दिव्या को भी शामिल कर लेता है। देखें तो दोनों साथ रहने के बावजूद एक-दूसरे से अनभिज्ञ होते जा रहे हैं। महानगरीय परिवारों में ऐसे संबंध दिखाई पड़ने लगे हैं। कई बार वे शादी के कुछ सालों में ही तलाक में बदल जाते हैं या फिर विद्रूप तरीके से किसी कारण या स्वार्थ की वजह से चलते रहते हैं।

मुनीष भारद्वाज ने वर्तमान उपभोक्ता समाज के दो महात्वाकांक्षी व्यक्तियों की एक सामान्य कहानी ली है। उन्होंने नए प्रसंग और परिस्थिति में इस कहानी को रचा है। अतिरिक्तत और अधिक की लालसा में अनेक व्यक्ति और परिवार बिखर रहे हैं।

अगर समृद्धि और विकास के प्रयास में ईमानदारी नहीं है तो उसके दुष्प्रभाव जाहिर होते हैं। ‘मोह माया मनी’ संबंधों की जटिलता में उलझे रिश्तों में बढ़ रही अनैतिकता के शिकार और कामयाबी की फिक्र में कमजोर हो रहे किरदारों की कहानी है। लेखक-निर्देशक मुनीष भारद्वाज और लेखन में उनकी सहयोगी मानषी निर्मजा जैन ने पटकथा में पेंच रखे हैं।

उन्होंने उसके हिसाब से शिल्प चुना है। शुरू में वह अखरता है, लेकिन बाद में वह कहानी का प्रभाव बढ़ाता है। मुनीष किसी भी दृश्य के बेवजह विस्तार में नहीं गए हैं। फिल्म का एक किरदार दिल्ली भी है। मुनीष ने दिल्ली शहर का प्रतीकात्मक इस्तेमाल किया है। मशहूर ठिकानों पर गए बगैर वे दिल्ली का माहौल ले आते हैं। सहयोगी कलाकारों के चुनाव और उनके बोलने के लहजे से दिल्ली की खासियत मुखर होती है।

‘मोह माया मनी’

सहयोगी कलाकारों में विदुषी मेहरा, अश्वत्थ भट्ट, देवेन्दर चौहान और अनंत राणा का अभिनय उल्लेखनीय है। रणवीर शौरी इस मिजाज के किरदार पहले भी निभा चुके हैं। इस बार थोड़ा अलग आयाम और विस्तार है। उन्होंने किरदार की निराशा और ललक को अच्छी तरह व्यक्त किया है।

कुछ नाटकीय दृश्यों में उनकी सहजता प्रभावित करती है। नेहा धूपिया ने दिव्या के किरदार को समझा और आत्मसात किया है। फिल्म के क्लाइमेक्स में पश्चाताप में आधुनिक औरत की टूटन और विवशता को अच्छी तरह जाहिर करती हैं। ‘मोह माया मनी’ चुस्त फिल्म है। घटनाक्रम तेजी से घटते हैं और गति बनी रहती है।

अवधि- 108 मिनट

नेशनल

गृहमंत्री अमित शाह ने वाराणसी में काल भैरव मंदिर में की पूजा-अर्चना, बीजेपी की जीत का मांगा आशीर्वाद

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वाराणसी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और पीएम मोदी की जीत का आशीर्वाद मांगा।

बता दें कि गृह मंत्री बुधवार की शाम काशी दौरे पर पहुंचे थे। वे महमूरगंज के मोतीझील में पीएम नरेंद्र मोदी और वाराणसी से भाजपा प्रत्याशी के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया। फिर मोतीझील मैदान में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने काशी के कार्यकर्ताओं में लोकसभा चुनाव को लेकर जोश भरने का काम किया। उसके बाद उन्होंने काशी में ही रात्रि विश्राम किया था। गुरुवार सुबह अचानक से दर्शन पूजन का प्लान तैयार किया गया था। इसके क्रम में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में गृहमंत्री ने सबसे पहले काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन किया.

काशी के कोतवाल का दर्शन करने के बाद उन्हें विश्वनाथ मंदिर भी जाना था लेकिन अचानक से उनके कार्यक्रम में हुए बदलाव के बाद वह सीधे एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए, जहां से वह अगले कार्यक्रम के लिए जाएंगे। फिलहाल गृहमंत्री ने काल भैरव मंदिर में विशेष पूजन किया है। काल भैरव मंदिर के महंत नवीन गिरी का कहना है कि काल भैरव अष्टक के साथ उनका विशेष पूजन करवाया गया है ताकि सुख, शांति व समृद्धि के साथ उन्हें बड़ी जीत मिल सके।

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